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    Atul Subhash Case: अतुल के वकील ने कोर्ट में दिया प्रार्थना पत्र, कहा- नहीं आ सकते माता-पिता

    Updated: Thu, 12 Dec 2024 01:55 PM (IST)

    बेंगलुरु में उप महाप्रबंधक अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके दहेज उत्पीड़न मामले की सुनवाई जौनपुर कोर्ट में होनी थी। पत्नी निकिता ने 2022 में अतुल और उनके परिवार पर दहेज मांग और प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। आत्महत्या से पहले अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। उनके परिवार ने अंतिम संस्कार के कारण कोर्ट में अनुपस्थिति दर्ज करवाई। मामले की जांच और सुनवाई जारी है।

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    अपने माता-पिता के साथ अतुल सुभाष मोदी (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। बेंगलुरु में निजी कंपनी के उप महाप्रबंधक रहे अतुल सुभाष के दहेज उत्पीड़न के मामले में एसीजेएम प्रथम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की तिथि तय थी। मंगलवार को अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर लिया। इस दौरान मृत अतुल सुभाष के अधिवक्ता सुशील राय ने गुरुवार को दोपहर 12 बजे कोर्ट में पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया।

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    इसमें कहा कि अतुल की मृत्यु हो चुकी है। अन्य आरोपित उसके पिता, माता व भाई उसकी अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद घर पर क्रिया कर्म में व्यस्त हैं। इसलिए उनका आना संभव नहीं है। उन्होंने अतुल की मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट मंगाने की मांग की।

    2022 में दर्ज कराई थी दहेज उत्पीड़न व अन्य धाराओं में FIR

    पूर्व में जौनपुर नगर के रूहट्टा व वर्तमान में मधारेटोला निवासी निकिता सिंघानिया ने पति अतुल सुभाष, सास अंजू, ससुर पवन व देवर विकास के खिलाफ 24 अप्रैल 2022 को दहेज उत्पीड़न व अन्य धाराओं में कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।

    आरोप तय होने के लिए 12 दिसंबर तिथि नियत हुई। सुनवाई एसीजेएम प्रथम कोर्ट में चल रही है। इसमें निकिता ने आरोप लगाया था कि 26 अप्रैल 2019 को उसकी शादी अतुल से हुई थी। शादी के बाद अतुल, उसके पिता पवन, माता अंजू व भाई विकास दहेज में 10 लाख रुपये की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे।

    पति शराब पीकर मारपीट व हैवानियत करता था। 16 अगस्त 2019 को मायके जाकर 10 लाख रुपये मांगे। अगले दिन उसके पिता की आघात से मौत हो गई। 17 मई 2021 को अतुल ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया तब से वह मायके में है।

    माता-पिता के देहांत के बाद समस्तीपुर आ गए थे पवन मोदी

    • पवन मोदी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रहने वाले हैं। बचपन में ही माता-पिता का देहांत हो गया था। पूसा रोड में रिश्ते के भाई निरंजन मोदी ने उन्हें बुला कर सहारा दिया।
    • धीरे-धीरे पवन अपने पैरों पर खड़े हो गए। यहीं रच बस गए। उनके दो पुत्र अतुल सुभाष मोदी और विकास मोदी हैं।
    • अतुल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने और बेंगलुरु में काम करने लगे। छोटा भाई विकास चार्टर एकाउंटेंट है। अतुल की प्रारंभिक शिक्षा वैनी के गोल्डेन पब्लिक स्कूल में हुई।
    • स्कूल के प्राचार्य राकेश वर्मा बताते हैं कि अतुल शुरू से मेधावी छात्र रहा। उसे पढ़ाई के अलावा और कुछ नहीं अच्छा लगता था। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद 10वीं तक की पढ़ाई पूसा के सीपीएस स्कूल में की।

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