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    Atul Subhash Case: निकिता की जमानत के खिलाफ HC जाएंगे अतुल सुभाष के पिता, पोते को लेकर जताई ये च‍िंता

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 08:04 AM (IST)

    अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में निकिता सिंघानिया उसकी मां निशा व भाई अनुराग की जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद अतुल के पिता-माता अब अतुल के बेटे व्योम को लेकर चिंतित हैं। अतुल के पिता पवन मोदी ने कहा कि कोर्ट ने तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। इस आदेश के खिलाफ वह हाइकोर्ट और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे।

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    अतुल सुभाष के प‍िता मोदी, अतुल सुभाष (वीड‍ियो ग्रैब)।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने वाले एआई इंजीनयिर अतुल सुभाष के पिता ने कहा है कि वह बेटे की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साले अनुराग की जमानत अर्जी के खिलाफ हाई कोर्ट और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने अतुल के चार साल के बेटे व्योम को लेकर भी चिंता जताई। कहा कि उन्हें डर है, जमानत पर छूटने के बाद निकिता पोते के साथ जाने क्या करे।

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    बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले पवन मोदी ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि उनकी पत्नी अंजू की ओर से पोते की कस्टडी के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बेंगलुरु पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब सौंपा है।

    पवन ने बताया कि निकिता ने 17 जनवरी 2024 को व्योम का दाखिला फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में कराया था। चार साल के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में डाल दिया। उसके अभिभावक के रूप में सिर्फ अपना नाम दिया। इतने छोटे बच्चे को भला कौन बोर्डिंग स्कूल में डालता है। सर्दियों की छुट्टी में सभी बच्चे अपने घर चले गए होंगे। मेरा पोता वहां अकेले होगा। यह कहते हुए वह फफक कर रो पड़े। बेंगलुरु की अदालत ने शनिवार को निकिता, उसकी मां और भाई की जमानत मंजूर कर ली थी।

    जनपद की पुलिस शनिवार को पहुंची थी समस्तीपुर

    जौनपुर: अतुल के पिता पवन मोदी ने बताया कि शनिवार को जौनपुर की पुलिस उनके घर समस्तीपुर आई थी। उनकी पत्नी अंजू से पुलिस ने बेटे की मृत्यु के बारे में प्रमाण पत्र मांगा तथा कहा कि लिखकर दें कि उनके बेटे अतुल की मौत हो चुकी है।

    पवन ने कहा कि पुलिस जो पेपर लेकर आई थी उस पर कोर्ट की मोहर नहीं दिखी। पुलिसकर्मी न अपना नाम बताए, न फोन नंबर दिए। इसलिए हम लोगों को उसके ऊपर विश्वास नहीं हुआ। हो सकता है जौनपुर से किसी ने उन्हें भेजा हो और हमसे लिखा पढ़ी कराकर उसका गलत इस्तेमाल कर दे। अब किसी के ऊपर विश्वास नहीं रह गया। अतुल सुभाष की मौत के बाद उनके अधिवक्ता ने दहेज उत्पीड़न के मामले में नियत 12 दिसंबर को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर अतुल की मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट मंगाने की कोर्ट से गुजारिश की थी, जिस पर कोर्ट ने मृत्यु की आख्या प्रस्तुत करने का कोतवाली पुलिस को आदेश दिया था।

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