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    सीबीआइ का असिस्टेंट प्रोग्रामर रेलवे वेबसाइट हैक करने का मास्टरमाइंड

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 28 Dec 2017 08:13 AM (IST)

    वेबसाइट हैक कर रेल टिकटों को अपने हिसाब से बुक करने के मामले में सीबीआइ का असिस्टेंट प्रोग्रामर नई दिल्ली का अजय गोरखधंधे का मास्टरमाइंड निकला। ...और पढ़ें

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    सीबीआइ का असिस्टेंट प्रोग्रामर रेलवे वेबसाइट हैक करने का मास्टरमाइंड

    जौनपुर [सतीश सिंह]। रेलवे की वेबसाइट को हैक कर टिकटों को अपने हिसाब से बुक करने के मामले में सीबीआइ का असिस्टेंट प्रोग्रामर नई दिल्ली का अजय गर्ग ही इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड निकला। गिरफ्तार आरोपी अनिल गुप्ता उसका दाहिना हाथ है। दीवानी न्यायालय में आरोपी अनिल की ट्रांजिट रिमांड के दौरान सीबीआइ द्वारा दाखिल प्राथमिकी की कापी से इस बात का राजफाश हुआ।

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    कुल 15 नामजद आरोपियों का पूरे देश में नेटवर्क फैला हुआ था जिसमें अजय की पत्नी, बहन व बहनोई भी शामिल थे। सीबीआइ के विवेचक सुशील दीवान ने गिरफ्तार आरोपी अनिल कुमार गुप्ता निवासी नाथूपुर की 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड का प्रार्थना पत्र रिमांड मजिस्ट्रेट धनंजय मिश्र की कोर्ट में बुधवार को दिया। कहा कि सभी आरोपी षड्यंत्र में शामिल थे।

     

    अवैध सॉफ्टवेयर भी लोगों को बेचते थे। टिकट बुक करने के लिए इनका अवैध रेलवे वेबसाइट व सिस्टम था। आरोपी अनिल को बरामद वस्तुओं व दस्तावेजों के साथ सीबीआइ स्पेशल जज नई दिल्ली में पेश करना है। कोर्ट ने आरोपी की 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड स्वीकार की।

     

    22 दिसंबर को मिली सूचना के आधार पर दिल्ली में 25 दिसंबर को 15 नामजद व अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई। नई दिल्ली निवासी अजय गर्ग, जो वर्तमान में सीबीआइ नई दिल्ली के सिस्टम डिवीजन में असिस्टेंट प्रोग्रामर है। इससे पहले इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड में कार्य भी कर चुका है। वह मुंबई में रह रहे अनिल गुप्ता के संपर्क में आया। रेलवे की तकनीकी के जानकार अजय गर्ग ने अवैध सॉफ्टवेयर डेवलप किया जिससे तत्काल टिकट बुक हो जाता था। इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग अवैध था।

     

    अजय के सहायक अनिल ने सॉफ्टवेयर दिल्ली, मुंबई व जौनपुर के साथ देश के अन्य हिस्सों में लोगों को बेचा। यह सॉफ्टवेयर तेज काम करने वाला था। इससे तत्काल टिकट मिल जाता था। इस ऑपरेशन में आरोपियों ने 800 से 1000 आइडी का इस्तेमाल किया। अनिल गुप्ता सॉफ्टवेयर का होलसेलर था। लोगों को सॉफ्टवेयर बेचने से जो आमदनी होती थी उसे अनिल अजय को देता था।

     

    मुख्य रूप से अवैध कारोबार मुंबई और जौनपुर में चल रहा था। अनिल के विभिन्न बैंकों में अकाउंट थे। हवाला के जरिए अजय को अनिल रुपये ट्रांसफर करता था। अजय की पत्नी मोनिका गर्ग, बहन नीलम गोयल व बहनोई विशाल गोयल इस षड्यंत्र में और अवैध संपत्ति के बंटवारे में शामिल थे। अनिल ने अन्य आरोपियों को भी इस धंधे में शामिल किया।

     

    15 नामजद आरोपियों में छह जौनपुर के

    रेलवे वेबसाइट हैक करने के मामले में कुल 15 नामजद आरोपी हैं। मुख्य आरोपी अजय गर्ग, उसकी पत्नी मोनिका, बहन नीलम, बहनोई विशाल के अलावा जगदीश प्रसाद गर्ग व रामदुलारी दिल्ली के हैं। जबकि, अनिल गुप्ता, सुभाष चंद्र सोनकर, अरुण कुमार तिवारी, शुभम शुक्ला, राहुल सिंह, राकेश कुमार गुप्ता यही के हैं। वहीं अजीत कुमार गुप्ता, रविंद्र मिश्रा, रमाशंकर मुंबई के हैं। सीबीआइ द्वारा छापे के दौरान छह मोबाइल सेट, तीन लैपटॉप, जिओ का वाई फाई राउटर, दो पेन ड्राइव, बैंक चेक, एयरटेल के दो सिम कार्ड, आइडीबीआइ बैंक के दो डेबिट कार्ड सहित 13 हजार 800 रुपये कैश बरामद हुए।