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    'सल्फास' खाकर आत्महत्या करने वालों की बढ़ी संख्या

    By Edited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2011 04:54 PM (IST)

    जौनपुर : अनाज की सुरक्षा के लिए 'सल्फास' नामक दवा बनायी गयी। उसका उपयोग अनाज की सुरक्षा में तो उतना नहीं हो सका अलबत्ता आत्महत्या में ज्यादा लोग करने लगे। परिणाम यह हुआ कि शासन हरकत में आया और पांच वर्ष पूर्व इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। इसका कोई असर नहीं पड़ा और वह बिकती रही है।

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    पिछले तीन माह के दौरान सात लोग इसे खाकर अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठे। हालांकि इसमें सभी ने अलग-अलग कारणों से आत्महत्या कर ली। सात के खाकर जान देने की बात रिकार्ड में दर्ज है लेकिन संख्या इससे ज्यादा बतायी जा रही है।

    जिला चिकित्सालय के डाक्टरों का कहना है कि 'सल्फास' का विष इतना तेज होता है कि उसके खाने के तुरन्त बाद से ही हालत बिगड़ने लगती है। घंटे-दो घंटे में तो किडनी, लीवर, आंत और शरीर के अन्य आर्गन्स नष्ट हो जाते है। इसलिए तमाम ऐसे मरीजों को रेफर कर दिया जाता है जो काल के गाल में कुछ देर बाद ही समा जाने वाले होते हैं।

    सूत्रों का कहना है कि इस घातक रसायनिक टैबलेट की बिक्री खाद-बीज की दुकानों से की जाती है। हालांकि प्रतिबंधित होने के कारण खुलेआम नहीं होती है लेकिन मांगने पर मुहैया हो जाती है। किसी दुकान पर सौ तो किसी पर 120 रुपये की दो से चार गोली बेची जाती है। जिला मुख्यालय पर स्थित दुकानों से भले ही थोड़ी परेशानी के साथ मिले परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में हर दुकान पर आसानी से मिल जाती है। कृषि विभाग से कृषि रक्षा रसायन बिक्री का लाइसेंस दुकानों को दिया जाता है। अभी तक इस जानलेवा दवा की बिक्री की रोकथाम के लिए विभाग ने कोई छापेमारी नहीं की है। यदि आकस्मिक छापामारी की जाती तो निश्चित है कि कई इसकी जद में आते।

    लोगों का कहना है कि इसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन को अभियान चलाने की जरूरत है। इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि शासन 'सल्फास' का टैबलेट बनाने वाली कम्पनी के विरुद्ध ही कार्रवाई करे। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस दवा का दुरुपयोग रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसका उपयोग कर आत्महत्या कर कई प्रतिभाशाली अपनी जान गंवा चुके हैं। गुस्सा और मानसिक तनाव में ज्यादातर नौजवान और महिलाएं इसका प्रयोग करती हैं। अभी हाल ही में नगर पालिका परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मकालू चौरसिया ने भी इसे खाकर अपनी जान दे दी। तीन माह में सात लोगों ने आत्महत्या सल्फास खाकर किया है। इसलिए इस पर रोक जरूरी है।

    एक गोली से मर सकते हैं बीस

    जौनपुर : उपकृषि निदेशक एसएन दुबे ने बुधवार को बताया कि सल्फास की एक गोली में 20 लोगों की जान जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब दुकानदारों के यहां छापामारी की जाती है तो उनके यहां यह भी देखा जाता है कि कहीं 'सल्फास' तो किसी डिब्बे में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि चोरी-छिपे भले ही बिक्री की जाती हो लेकिन सामान्य ढंग से यह उपलब्ध नहीं है। यदि किसी दुकानदार के विरुद्ध प्रतिबंधित दवा बेचने की शिकायत मिले तो छपामारी के अलावा बरामदगी के बाद उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्राविधान है।

    तो लाइसेंस होगा निरस्त

    जौनपुर : कृषि रक्षा अधिकारी रामआसरे यादव ने बुधवार को बताया कि फर्टिलाइजर और बीज विक्रय का लाइसेंस दिया जाता है। ये ही दुकानदार कृषि रक्षा के लिए जरूरी रसायनों की बिक्री भी करते हैं। अभी तक केवल एक बार राज्य सरकार के निर्देश पर उस समय दुकानों की जांच आबकारी विभाग के सहयोग से किया गया जब एक दवा में अल्कोहल होने की सूचना मिली थी। उन्होंने कहा कि यदि जानकारी मिली तो दुकानदारों का लाइसेंस ही निरस्त कर दिया जायेगा।

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