यूनिक आइडी से पहचाने जाएंगे 25 हजार दिव्यांग
सबहेड..पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा चुके हैं छह हजार आठ सौ कार्ड अच्छी पहल.. -अब स
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जिले के दिव्यांगों की यूनिक आइडी बनाई जाएगी। आइडी पर सारी जानकारी उपलब्ध होने की वजह से उन्हें कार्यालयों का चक्कर काटने से भी छुटकारा मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू में छह हजार आठ सौ कार्ड बनाए गए हैं। इसके बाद अब सभी दिव्यांगों को यह आइडी मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए दस्तावेजों के साथ सहज जनसेवा केंद्र से भी आवेदन किया जा सकता है।
यूनिक आइडी कार्ड लेने के लिए दिव्यांग पेंशन पा रहे लाभार्थियों को समस्त प्रमाण पत्रों के साथ नजदीकी जनसेवा केंद्रों पर जाना होगा। पहले यह व्यवस्था ब्लाकों पर की गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़े मामलों के बीच इसमें बदलाव कर दिया गया है। दिव्यांगों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने व विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किए जाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ ही दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से यूनिक आइडी कार्यक्रम शुरू किया गया है। स्मार्ट कार्ड में दिव्यांगों की सभी जानकारी होंगी। इतना ही नहीं इस पहल से दिव्यांग प्रमाण पत्र को लेकर किसी प्रकार की धांधली भी नहीं की जा सकेगी। सीधे पोर्टल पर किया जा सकता है आवेदन :
यूनिक आइडी के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पोर्टल ह्य2ड्ड1द्यड्डद्वढ्डड्डठ्ठष्ड्डह्मस्त्र.द्दश्र1.द्बठ्ठ पर भी आवेदन किया जा सकता है। निर्धारित प्रारूप में आवेदन के बाद इसकी जानकारी सीएमओ कार्यालय पहुंच जाएगी। वहां से संबंधित को निश्चित तारीख पर बुलाया जाएगा। सीएमओ कार्यालय की ओर से यूनिक आइडी बनाने के लिए एक एजेंसी को हायर किया गया है, जिसे कार्ड को संबंधित के घर तक पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है। 25 हजार ले रहे दिव्यांग पेंशन :
मौजूदा समय में जिले में लगभग 25 हजार दिव्यांग पेंशन ले रहे हैं। 6800 को यूनिक कार्ड मुहैया भी कराया गया है, लेकिन इसके बाद लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण की वजह से इस अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा। हालांकि जल्द ही इस मुहिम को युद्धस्तर पर दोबारा शुरू करने की बात कही जा रही है।
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बोले अधिकारी..
इस मुहिम में सीएमओ कार्यालय की भी अहम सहभागिता है। बढ़े कोरोना संक्रमण की वजह से अन्य कार्यों की तरह यह मुहिम भी बुरी तरह प्रभावित हुई। इसके लिए आनलाइन आवेदन का भी विकल्प मुहैया कराया गया है। जल्द ही जागरूकता की कड़ी को बढ़ाकर बचे रह गए दिव्यांगों को यूनिक आइडी मुहैया कराया जाएगा। -सुरेश कुमार मौर्य, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी।