जल दान से होती है धन की प्राप्ति
मछलीशहर (जौनपुर) : अक्षय तृतीया पर्व पर जल दान से धन की प्राप्ति, शयन दान से प्रसन्नता, वस्त्रदान से लंबी उम्र तथा कुमकुम के दान से पति को लंबी उम्र मिलती है। इसी प्रकार चंदन दान दुर्घटना से बचाता है। नारि केला व पादुका दान नारकीय पीड़ा से रक्षा करता है।
रविवार को आयोजित धार्मिक गोष्ठी के दौरान विद्वानों ने उक्त जानकारी दी। ज्योतिष शिरोमणि शैलेष मोदनवाल ने अक्षय तृतीया के महत्व को बताते हुए कहा कि भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि की युगादि तिथियों में गणना होती है। इसी दिन भगवान बद्रीनाथ के कपाट पट खुलते हैं तथा नर-नारायण परशुराम का अवतार भी इसी दिन हुआ था। भगवान परशुराम स्वयं भगवान विष्णु के अंशावतार हैं। इनकी गणना दशावतारों में होती है। इनकी जयंती अक्षय तृतीया को ही मनाई जाती है।
पं.राजपति पांडेय के अनुसार इस तिथि को व्रत रखने पर सुख, सौभाग्य और सफलता की कामना पूर्ण होती है। इस तिथि पर स्वर्ण की खरीदारी शुभ होती है। साथ ही भूमि, भवन, संस्थान का क्रय एवं शुभारंभ भी शुभ फलदायी माना गया है। पं.सच्चिादानंद चौबे ने बताया कि इस तिथि को ईख से बने भोज्य पदार्थ तथा दही, चावल, दूध से बने व्यंजन एवं खरबूज व लड्डू का भोग लगाना चाहिए। श्री हरि विष्णु की पूजा, गौ एवं ब्राह्मणों की सेवा विशेष फलदायी होती है। पं.मुरारी कृष्ण पांडेय ने इसे स्वयंसिद्ध अभिजित मुर्हुत वाला पर्व बताते हुए जल के दान को विशेष फलदायी बताया।
गोष्ठी में पं.देवी प्रसाद मिश्र, ब्रह्मदेव पांडेय, जगदीश मिश्र आदि ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम बाबू मोदनवाल तथा संचालन राजेश अग्रहरि ने किया। गोष्ठी में दर्जनों श्रद्धालु भक्तों ने हिस्सा लिया।
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