कोडीन युक्त सिरप की अवैध बिक्री का मामला, लपेटे में आ सकते हैं कई और विक्रेता; विभाग कर रहा तलाश
उरई में कोडीन युक्त सीरप की अवैध बिक्री का मामला सामने आया है, जिसमें मेसर्स अल्ट्राफाइन केमिकल्स के मालिक पर 21 हजार शीशी का हिसाब न देने पर मुकदमा दर्ज हुआ है। औषधि विभाग मामले की जांच कर रहा है, जिससे कई और विक्रेताओं के घेरे में आने की आशंका है। विभाग विक्रेताओं की तलाश में जुटा है और छापेमारी तेज करने की तैयारी में है, क्योंकि संदेह है कि यह सीरप नशे करने वालों को बेचा गया।

जागरण संवाददाता, उरई। कोडीन युक्त सीरप की 21 हजार शीशी की बिक्री का हिसाब न दे पाने पर नया पटेल नगर स्थित मेसर्स अल्ट्राफाइन केमिकल्स के प्रोपराइटर उमेश चंद्र के खिलाफ गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में औषधि निरीक्षक की ओर से अभी जांच चल रही है।
अब और भी विक्रेताओं के लपेटे में आने की संभावना है। इस मामले से जुड़े विक्रेताओं की तलाश में विभाग जुटा है। इसके साथ ही कोडीन युक्त सीरप की नियमानुसार बिक्री हो, इसके लिए भी छापेमारी तेज होने की संभावना है।
पिछले दिनों जांच के दौरान आरोपित दुकानदार की ओर से जिन थोक विक्रेता के यहां सीरप देने की बात कही गई तो वहां जांच के दौरान सीरप नहीं पाया गया। संदेह है कि नशा करने वालों को यह सीरप उपलब्ध कराए गए। कोडीन युक्त सीरप का प्रयोग चिकित्सक की संस्तुति पर खांसी समेत अन्य रोगों में किया जाता है, लेकिन कुछ लोग नशे के लिए भी इसको पीते हैं। इसी लिए इसकी बिक्री पर कड़े नियम हैं।
मालूम हो कि औषधि निरीक्षक लखनऊ विवेक सिंह ने जालौन के औषधि निरीक्षक देवयानी दुबे को 16 अक्टूबर को पत्र भेज कर कोडीन युक्त 100 मिली के सीरप फेंसीपिक-टी के विक्रय बिलों के सत्यापन का अनुरोध किया था। इस पर औषधि निरीक्षक ने 31 अक्टूबर को नया पटेल नगर स्थित मेसर्स अल्ट्राफाइन केमिकल्स पर छापा मारा था।
कोडीन युक्त सीरप को जिस तरह से कुछ लोग नशे के लिए प्रयोग करते हैं, उसकी वजह से इसको लेकर औषधि सुरक्षा विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। 21 हजार कोडीन युक्त सीरप की शीशियां खप गईं और अब कोई विक्रेता इसको खरीदने की बात स्वीकार नहीं कर रहा है। उससे यह संदेह बढ़ गया है।
सवाल यह है कि अगर थोक विक्रेता ने सीरप को बेचा है तो किसी ने तो उनको खरीदा ही होगा। इस मामले के सामने आने के बाद अब अन्य थोक विक्रेता भी सतर्क हो गए हैं।औषधि निरीक्षक देवयानी दुबे ने साफ कहा कि विभाग इस मामले की तह तक जाएगा। जिन विक्रेताओं ने इनको खरीदा-बेचा है, उन पर शिकंजा कसा जाएगा।
अवैध रूप से सीरपों की बिक्री हर हाल में रोकी जाएगी। मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इतनी बड़ी मात्रा में सीरपों की बिक्री हुई है उससे संदेह है कि नशे के लिए यह सीरप बेचे गए हैं। इसके साथ ही छापामार अभियान लगातार चलाया जाएगा। जिससे अन्य विक्रेता भी गलत ढंग से किसी दवा की बिक्री न करे।
गलत जानकारी दे रहे क्रेता
उरई : 21 हजार सीरपों के मामले में अल्ट्राफाइन केमिकल्स के प्रोपराइटर उमेश चंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि सीरपों की खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं की है। अगर कोई गड़बड़ी करनी होती तो जीएसटी देकर सीरपों को वैध तरीके से क्यों खरीदते। एक वर्ष पूर्व के बिलों की जांच की गई।
अब अगर कोई उनसे खरीद करने वाला विक्रेता गलत जानकारी दे रहा है तो इसमें उनकी गलती नहीं है। सीरप का प्रयोग दवा के लिए किया जाता है। कोई व्यक्ति खरीद कर उसका क्या प्रयोग करता है, इसको लेकर दुकानदार कुछ नहीं कर सकते। वैसे भी कोडीन कोटा का प्रोडक्ट है। अगर इसके उत्पादन पर ही रोक लग जाए तो समस्या ही नहीं होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।