यूपी के इस जिले में 1677 एकड़ में लगाई जाएंगी फैक्ट्रियां, 50 हजार से भी ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक क्लस्टर (आईएमएलसी) स्थापित करने की परियोजना का शुभारंभ किया था। प्रदेश एक्सप्रेस-वेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से आईएमएलसी के लिए जनपद में 1677 एकड़ भूमि में क्लस्टर विस्तार होना है। यूपीडा ने भूमि अधिग्रहित भी कर ली है।

जागरण संवाददाता, उरई। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक क्लस्टर (आईएमएलसी) स्थापित करने की परियोजना का शुभारंभ किया था। प्रदेश एक्सप्रेस-वेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से आईएमएलसी के लिए जनपद में 1,677 एकड़ भूमि में क्लस्टर विस्तार होना है। यूपीडा ने भूमि अधिग्रहित भी कर ली है। बुंदेलखंड में जालौन में भूमि के अनुसार यह सबसे बड़ा होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे क्लस्टर स्थापित होने से 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार की सहूलियत मिल सकेगी। अभी यह तय नहीं है कि किस उत्पाद के लिए फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी।
जनपद में उद्योगों की विस्तार को लेकर सरकार काफी गंभीरता से प्रयास कर रही है। इसी के तहत एक्सप्रेस-वे के किनारे भी औद्योगिक विस्तार होना है। स्थापित होने वाले उद्योगों के लिए 1,677 एकड़ जमीन का चिंह्नाकन भी हो चुका है। यहां उद्योगों के स्थापित होने से जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद पहले ही निर्णय लिया जा चुका है कि कॉरिडोर की स्थापना होगी। जिसमें कई तरह के उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। इसके लिए तैयारी चल भी रही है, लेकिन अभी किसी तरह के कार्य की शुरूआत नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री की ओर से यूपी आईएमएलसी परियोजना की पहल के बाद एक्सप्रेस-वे के किनारे उद्योग स्थापित किए जाने की संभावना और बढ़ गई है। ऐसा होने से जिले के लोगों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यहां के युवाओं को अपने ही जनपद में रोजगार मिल सकेगा। जनपद में युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने की पहले से ही पहल हो चुकी है। इससे कई तरह के उद्योगों की स्थापना भी हो रही है। अब यूपी आईएमएलसी परियोजना से और उद्योगों के स्थापना की राह तैयार हो चुकी है। जिससे कई परिवारों की रोजी रोटी का प्रबंध हो जाएगा। संभावना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना होने के चलते इस पर जल्दी ही कार्य शुरू हो सकता है।
प्रभात यादव प्रबंधक उद्योग केंद्र ने बताया कि अभी लिखित में इसको लेकर कोई निर्देश नहीं आया है, जैसा दिशा निर्देश आएगा उसी के अनुसार कार्य होगा।
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