UP Board 10th Topper Interview: हाईस्कूल टॉपर यश ने बताया- बिना कोचिंग किया टॉप, देश सेवा करने की है इच्छा
UP Board 10th Topper Interview यूपी बोर्ड हाईस्कूल में 97.83% अंकों के साथ टॉप करने वाले जालौन के यश ने बिना कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया है। वह देश सेवा के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहते हैं। उनके पिता विनय प्रताप सिंह इसी स्कूल में प्रिंसिपल हैं।
जागरण संवाददाता, उरई। हाईस्कूल में 97.83 अंक लाकर यूपी टाॉप करने वाले जालौन जनपद के उमरी गांव निवासी यश कहते हैं कि उन्होंने बिना कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया है। वह उमरी के श्रीमती रसकेंद्रीय इंटर कालेज में शिक्षारत हैं। उनके पिता विनय प्रताप सिंह इसी स्कूल में प्रिंसिपल हैं।
यश कहते हैं कि स्कूल में पढ़ाई के साथ घर में प्रतिदिन सात घंटे पढ़ाई करते हैं। टीवी में कार्टून देखना पसंद है। खाली समय में क्रिकेट खेलते हैं। वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करके देश सेवा करने की इच्छा रखते हैं। उनके बड़े भाई अनुज प्रताप बीएलएड कर रहे हैं। उन्हें तैयारी करने में पिता और बड़े भाई का भरपूर सहयोग मिलता रहा है।
आईएएस बनना चाहते हैं यश
हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में 97.83 प्रतिशत अंक प्राप्त कर यूपी टाप करने वाले जालौन जनपद के गांव उमरी स्थित स्व रसकेंद्री इंटर कालेज के छात्र यश प्रताप सिंह कहते हैं कि कोई भी ऐसा वीडियो देख कर मन विचलित हो जाता है जिसमें किसी निरीह, गरीब पर अत्याचार हो रहा होता है।
यही मंशा है कि आइएएस बन कर इन सारे खराब सिस्टम को सही कर दूं, अत्याचार करने वालों को ऐसा दंड दूं कि फिर कोई ऐसी हिम्मत न करे। अपने बड़े चचेरे भाई के पास कासगंज में इस समय रह रहे हाईस्कूल में 97.83 प्रतिशत अंक लाकर यूपी टाप करने वाले यश प्रताप ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वह किसी का दर्द नहीं देख सकता।
पढ़ाई के साथ उसका खाली समय घर में मां के साथ बात करने में या फिर टीवी पर कुछ देर कार्टून देखने में बीतता है। क्रिकेट पसंद है लेकिन पढ़ाई से अधिक नहीं। जालौन जनपद के रामपुरा ब्लाक के उमरी ग्राम पंचायत निवासी विनय प्रताप सिंह इसी गांव स्थित स्व. श्रीमती रसकेंद्री इंटर कालेज में प्रिंसिपल हैं।
इसी स्कूल में उनका छोटा बेटा यश प्रताप शिक्षारत है। बड़ा बेटा अनुज बीएलएड कर रहे हैं। बोर्ड परीक्षा के बाद यश अपने बड़े चचेरे भाई विभय प्रताप के पास कासगंज में हैं। विभय वहां सरकारी स्कूल में टीचर हैं। उमरी में रह रहे यश के पिता कहते हैं कि हमने कभी यश को बिना वजह घूमते, बच्चों के साथ खेलते नहीं देखा।
वह रात में नौ बजे पढ़ने बैठता था और सुबह तीन बजे तक पढ़ता था। उनकी देखरेख के लिए मां सुमन सिंह जागा करती थीं। जैसे ही परीक्षा परिणाम आया तो पता चला कि उसने पूरे प्रदेश में 97.83 प्रतिशत अंक पाकर टाप किया है। इस पर पूरे गांव में उत्साह का माहौल हो गया।
लोग बधाई देने के लिए घर में आने लगे। मां सुमन सिंह गृहणी हैं, कहती हैं कि यश कभी कभार टीवी पर कार्टून देख लेता है, पिक्चर, सीरियल कभी नहीं देखता है। रात में दिन में जब देखो तभी, स्कूल से आकर केवल पढ़ाई में लग जाता था। भाई अनुज कहते हैं कि यश प्रारंभ से ही पढ़ने में बहुत होशियार रहा है।
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