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    गन्ना किसानों को सरकार की मदद की दरकार

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 29 Nov 2021 05:51 PM (IST)

    संवाद सहयोगी माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के गन्ना किसानों को उचित मूल्य न मिलने से वह मजबूरी में अ

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    गन्ना किसानों को सरकार की मदद की दरकार

    संवाद सहयोगी, माधौगढ़ : तहसील क्षेत्र के गन्ना किसानों को उचित मूल्य न मिलने से वह मजबूरी में अपनी गन्ना की फसल को औने पौने दामों में बेचना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा गन्ना किसानों के लिए कोई खरीद न करने से प्राइवेट गुड़ कारखानों पर गन्ना बेचना मजबूरी बन गया है।

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    तहसील क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसके बाद भी किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसानों का कहना है कि कृषि योग्य भूमि गन्ना बोने के बाद भी सरकारी कांटा व शुगर मिल न होने से गन्ना किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य नहीं मिल रहा है। वर्ष 1974 में 20 लाख रुपये की अधिक लागत से डिकौली गांव में शासन की ओर से बुंदेलखंड मिनी शुगर मिल की स्थापना की गई थी। तब शुगर मिल में रोजाना 25 से लेकर 30 क्विंटल शक्कर का उत्पादन होता था। समय से गन्ना किसानों के गन्ने का भुगतान न होना और मिल में लगी मशीनों का सही तरीके से रखरखाव न होने के कारण मिनी शुगर मिल बंद हो गई। इसके बाद किसानों की गन्ना की फसल को खरीदने के लिए शासन की ओर से गांव चितौरा में सरकारी कांटा लगाया गया था। 2012 में बसपा की सरकार बनने के बाद शुगर मिल बेच दी गई। साथ ही ग्राम चितौरा में कांटा लगना बंद हो गया। जबसे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जबकि गन्ने का सरकारी रेट 350 रुपये प्रति क्विंटल है। तहसील क्षेत्र में 10 से अधिक प्राइवेट गन्ना क्रेशर लगे हुए हैं जो 250 रुपये से 275 रुपये प्रति क्विटल किसानों के गन्ने की फसल की खरीद कर रहे हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में घाटा हो रहा है।

    किसानों की बात

    गन्ने का कभी भी उचित मूल्य नहीं मिलता है। ज्यादा लागत लगने के बाद भी बेचने में घाटा होता है। अगर सरकारी कांटा लग जाए तो गन्ने का उचित मूल्य मिलने लगेगा।

    संजय सिंह, हरौली किसानों ने इसलिए गन्ने की फसल को करना बंद कर दिया है कि उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। सरकार किसानों के गन्ना खरीदने के लिए उचित कदम उठाए तभी उचित मूल्य मिल सकता है।

    राजेश व्यास, माधौगढ़ जिम्मेदार बोले

    अगर किसानों को गन्ने की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा हा तो प्राइवेट क्रेशरों पर छापा मारकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाया जाएगा।

    राजेश सिंह, एसडीएम