मिट्टी खनन को अब लेनी होगी ऑनलाइन अनुमति
जागरण संवाददाता उरई साधारण मिट्टी की रायल्टी श
जागरण संवाददाता, उरई : साधारण मिट्टी की रायल्टी शून्य होने और इसके खनन की अनुमति दिए जाने की स्पष्ट प्रक्रिया न होने के कारण अब तक खनन और उत्पीड़न की तमाम शिकायतें प्राप्त होती रही हैं। अब नियमावली में बदलाव किया गया है। मिट्टी खनन के लिए ऑनलाइन अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजे हैं। जिसमें कहा गया है कि सौ घन मीटर तक मिट्टी खनन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। जब कि सौ घनमीटर से अधिक के लिए विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर अनुमति पत्र लेना अनिवार्य होगा। अगर कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया को न अपनाते हुए मिट्टी का खनन करता है तो उसे अवैध मानते हुए कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मिट्टी खनन के लिए लागू की गई शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होगा। शर्तें पूरी न होने पर पंजीकरण या आवेदन निरस्त किया जा सकता है। उपजिलाधिकारी सदर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिलाधिकारी ने आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं। नए नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
सौ घन मीटर तक के लिए यह होगी प्रक्रिया :
- विभागीय पोर्टल पर अधिकतम सौ घनमीटर के लिए आवेदन कर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए अनुमति पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
- पंजीकरण के लिए नाम, पता मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भरकर अपना लाग इन बनाया जाएगा।
- लॉगइन करने के बाद प्रपत्र प्रदर्शित होगा जिसमें आवेदक का नाम, पता मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी, साधारण मिट्टी की मात्रा, खतौनी मानचित्र सहित भू स्वामी की सहमति, खनन का प्रयोजन, तहसील, ग्राम, गाटा संख्या, कुल क्षेत्रफल आदि का विवरण भरना होगा।
- सूचनाएं गलत पाए जाने पर डीएम पंजीकरण निरस्त कर सकते हैं।
सौ घन मीटर से अधिक के लिए प्रक्रिया
- अनुमति पत्र प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र एमएम 8 में विभागीय पोर्टल पर सभी संलग्नक, नाम, पता मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी, खतौनी, गाटा संख्या, ग्राम, खनन का प्रयोजन आदि भरना होगा।
- आवेदक द्वारा किए गए आनलाइन आवेदन की जांच जिलाधिकारी द्वारा कर स्वीकृति, अस्वीकृति की सूचना विभागीय पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी।
- खनन की अनुज्ञा पत्र की अवधि अधिकतम छह माह होगी। जो स्वीकृत मात्रा एवं परिवहन के आधार पर जिलाधिकारी निर्धारित किया जाएगा।
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