सो रही अफसरशाही, दम तोड़ रहा कागज उद्योग
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सो रही अफसरशाही, दम तोड़ रहा कागज उद्योग
जागरण संवाददाता, उरई : कालपी के कागज उद्योग का विदेश तक शोर रहता था, लेकिन आज यह अपने बदहाल व्यापारिक उपक्रम के लिए शोर मचा रहा है। महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में चयनित होने के बाद भी बुनियादी जरूरतों से जूझ रहा है। कहने को तो आर्थिक संकट से लड़ रहे इस कारोबार को सही दिशा देने के लिए सरकार ने प्रयास तेज किए थे, लेकिन यह प्रयास केवल अनुदान देने तक ही सीमित रह गए। कागज की बनावट से लेकर उनको बाजार तक पहुंचाने में अनेक समस्याएं हैं जिनको निस्तारित नहीं किया जा सका है। इसी कारण इस उद्योग को सफलता के पंख नहीं लग सके हैं।
ऐसे शुरू हुई थी ओडीओपी योजना
कालपी के कागज उद्योग को वर्ष 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया था। इस योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराने व 25 फीसद का अनुदान भी देने का निर्णय लिया गया था। उद्योग विभाग के माध्यम से बैंकों द्वारा वर्किंग कैपिटल के लिए ऋण लिया गया है। अभी तक 36 इकाइयों ने उक्त ऋण लिया है। ढाई करोड़ से अधिक का ऋण कारोबारियों को दिया जा चुका है। कालपी नगर में वर्तमान में 55 फैक्ट्रियां अपना उत्पादन कार्य कर रही हैं। इन फैक्ट्रियों में 5 हजार श्रमिक कार्य करके अपना जीवकोपार्जन कर रहे हैं।
कागज उद्योग की समस्याओं के निस्तारण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मौके पर विजिट भी की जाएगी। जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
चांदनी सिंह, डीएम जालौन

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