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    उरई में खेत में काम कर रहे थे मजदूर, पैरों के पास था दो मीटर लंबा अजगर, जान बची

    By mahesh prajapati Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Fri, 18 Jul 2025 05:03 PM (IST)

    उरई में खेत में अजगर मिलने से हड़कंप मच गया। खेत में काम कर रहे मजदूर को एक दो मीटर के करीब लंबा अजगर दिखाई दिया। इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। वन विभाग के कर्मी ने अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ा। वहीं अजगर मिलने पर लोग वीडियाे बनाने में लगे रहे।

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    अजगर को पकड़ती वन विभाग की टीम। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, कदौरा(उरई)। ब्लाक क्षेत्र के ग्राम बबीना मौजा में खेतों में काम कर रहे मजदूरों को अजगर दिखाई दिया, किसानों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।

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    इस समय खेतों में धान की रोपाई चल रही है। बबीना मौजा में कठपुरवा मोड़ के पास नरेंद्र वीर सिंह के खेत में काम कर रहे मजदूरों को एक दो मीटर के करीब लंबा अजगर दिखाई दिया। अजगर की सूचना पर वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई।

    किसानों ने सूचना प्रधान प्रतिनिधि चंदन कुठार सहित वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम में वन दारोगा सत्येंद्र सचान, मयंक दीक्षित, वाचर मल्हू व मंगल ने आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित पकड़ लिया और उसे अपने साथ ले गए। वन दारोगा सत्येंद्र सचान ने बताया कि अजगर जो कि दो से ढाई मीटर लंबा है जिसकी मोटाई का व्यास करीब आठ से दस इंच के करीब है जिसे सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

    चीतल की मौत के बाद हिरन की सुरक्षा बढाई

    इधर, ग्राम कोड़ा किर्राही किनारे जंगल में बीते मंगलवार को चीतल का शव मिला था। इसके पेट में गोली लगने का घाव था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक छर्रा भी फंसा हुआ मिला था। इस मामले में एक आरोपित शिकारी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था। इस तरह के मामले दोबारा से न हो इसके लिए वन विभाग की ओर से जंगल में निगरानी के लिए टीम लगाई गई है। जंगल में और आरोपित तो नहीं हैं इसकी भी तलाश की जा रही है। इस जंगल में चंबल से दुर्लभ प्रजाति के हिरण कभी कभार आ जाते हैं।

    पिछले दिनों यमुना नदी के किनारे कोड़ा किर्राही जंगल में एक चीतल का शव मिलने के मामले में जांच के दौरान यह पता चला कि वहां नील गाय का शिकार करने के लिए शिकारी घूमा करते हैं। किसानों का कहना है कि ग्राम कोड़ा किर्राही, जरारा और खड़गुई गांव के आसपास नीलगाय की समस्या अधिक है। यमुना किनारे के किसानों की फसलों को उनसे नुकसान होता है। इसी लिए किसानों ने कोड़ा किर्राही निवासी कप्तान को खेतों की सुरक्षा के लिए लगाया था। इसी की गोली से उस दिन चीतल की मौत हुई थी।

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