Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुंदेलखंड की 'जलधारा' बनेगी 'पचनदा'

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:37 PM (IST)

    विमल पांडेय उरई बुंदेलखंड की सबसे महत्वपूर्ण पचनदा परियोजना को शासन की मुहर लग चुक ...और पढ़ें

    Hero Image
    बुंदेलखंड की 'जलधारा' बनेगी 'पचनदा'

    विमल पांडेय, उरई :

    बुंदेलखंड की सबसे महत्वपूर्ण पचनदा परियोजना को शासन की मुहर लग चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा जिले के जालौन-औरैया सीमा में पांच नदियों को जोड़ने वाले पचनदा में तीन हजार करोड़ की लागत से भूमिगत नहर एवं डैम बनाने की स्वीकृत दे दी गई है। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बड़े प्रोजेक्ट का लोकार्पण कर सकते है। इसके साथ ही यहां डैम बनाने की कार्ययोजना का श्रीगणेश होगा। इस बड़ी उपलब्धि को स्थानीय लोग जिले के दूरगामी विकास से जोड़कर देख रहे हैं। जिले के किसानों को इस परियोजना से पर्याप्त पानी सिचाई के लिए मिल सकेगा। अगले महीने के प्रथम सप्ताह में इस प्रोजेक्ट को वित्तीय मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ------------------------

    परियोजना का एक परिचय :

    कभी खूंखार डाकुओं की शरणस्थली रही चंबल घाटी में दुनिया का एकलौता पांच नदियों का संगम स्थल के नाम से विख्यात रही पचनदा अर्से से उपेक्षित रही। यह पांच नदियों चंबल, क्वारी, सिध, पहूज और यमुना को जोड़ती है। महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास का एक वर्ष इसी पचनदा के आसपास बिताए थे। भीम ने इसी स्थान पर बकासुर का वध भी किया था। यहां कार्तिक पूर्णिमा में हर वर्ष एक ऐतिहासिक मेला लगता है। इस मेले में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान से लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है। इसके कारण इस पचनदा के पास असीमित जल भंडार है। यह संपूर्ण बुंदेलखंड की जलसमस्या को दूर करने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है। ---------------------

    अब तक की कार्ययोजना :

    पचनदा कभी देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहा है। वर्ष 1976 में सबसे पहले यमुना पट्टी के गांव सड़रापुर में बांध बनाने की घोषणा की गई थी। यहां बांध निर्माण को लेकर सियासत इस कदर हावी हो गई कि यह सिर्फ कागजी बाजीगरी साबित हुई। इसके बाद वर्ष 1986 से एक बार फिर पचनदा को लेकर कार्ययोजना शुरु की गई थी। केंद्र में भाजपा सरकार के रहते वर्ष 2014 में इटावा के भाजपा सांसद रहे रामशंकर कठेरिया ने भी आवाज उठाई थी। तत्तकालीन जल संसाधन मंत्री रहीं उमा भारती ने पचनदा का हवाई सर्वेक्षण भी कराया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का बजट केंद्र सरकार से मांगा था। केंद्र सरकार ने बीते 30 जनवरी 2021 को इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है। अब मुख्यमंत्री ने भी योजना को शुरू करने की मंजूरी दी है।

    --------------------

    डैम बनने से मिलने वाले लाभ :

    बेतवा नहर प्रथम के अधिशाषी अभियंता जी बी पांडेय की माने तो एक जिले में सिचाई के लिए कम से कम 30 हजार मिलियन घन फिट और अधिकतम 70 हजार मिलियन घन फिट पानी की जरूरत होती है। पचनदा के डैम बनने के बाद 100 क्यूसेक पानी आसानी से मिल सकेगा। इसमें प्रमुख रुप से औरैया, इटावा और जालौन जिला लाभान्वित होंगे। आगे कार्ययोजना का विस्तार हुआ तो बुंदेलखंड के सभी जिले भी लाभ पा सकते हैं। फिलहाल कार्ययोजना शासन की संस्तुति के बाद प्रभावी हो रही है।

    --------------------------------------------

    लंबी कवायद के बाद यह सफलता मिली है। इस सफलता के लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को बधाई। डैम बनने के लिए जिले में जलसंकट समाप्त होगा। किसान उन्नतिशील खेती से अपने सपने पूरे कर सकेंगे।

    मूलचंद निरंजन, विधायक, माधौगढ़

    ------------------

    बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए बहुत ही सराहनीय कदम उठाया गया है। भविष्य में इस परियोजना से सभी जिले लाभान्वित होंगे, ऐसी उम्मीद है। अगले महीने इस परियोजना के शुभारंभ होने की उम्मीद है।

    प्रियंका निरंजन, जिलाधिकारी, जालौन