उरई में दर्दनाक घटना, अस्पताल के शौचालय में पानी भरी बाल्टी में मिला नवजात बच्ची का शव
उरई के पुरुष जिला अस्पताल में एक दुखद घटना सामने आई है। अस्पताल के शौचालय में पानी से भरी बाल्टी में एक नवजात कन्या का शव पाया गया। गार्ड द्वारा सूचना देने पर कोतवाली पुलिस को जानकारी दी गई। अस्पताल प्रशासन और पुलिस मामले की जांच कर रही है। आसपास के लोगों में चर्चा है कि शुक्रवार रात दो महिलाएं अस्पताल आई थीं।

जागरण संवाददाता, उरई। जिला पुरुष अस्पताल उरई में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। अस्पताल के शौचालय में पानी से भरी बाल्टी के अंदर एक नवजात बच्ची का शव मिलने से हड़कंप मच गया। अस्पताल परिसर में इस घटना की जानकारी मिलते ही मरीजों, तीमारदारों और स्टाफ के बीच सनसनी फैल गई।
पुरुष जिला अस्पताल की इमरजेंसी के शौचालय की पानी भरी बाल्टी में गुरुवार की रात एक नवजात कन्या का शव मिला। शौचालय की दीवार पर खून के निशान मिलने से प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि कोई महिला यहां आई और उसका यहीं पर प्रसव हो गया। जिसके बाद वह नवजात बच्ची को पानी से भरी बाल्टी में डालकर भाग गई। कोतवाली पुलिस पहुंची और मौके की जांच की। पुलिस महिला की तलाश में जुटी है। जिस कक्ष के शौचालय में नवजात का शव मिला वहां के सीसीटीवी कैमरे खराब होने की वजह से कोई सुराग भी नहीं मिल सका। नवजात के शव को सुरक्षित रखवा दिया गया है, शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को अस्पताल का सुरक्षा गार्ड रात करीब साढ़े नौ बजे शौचालय में गया था। वहां पर उसने पानी भरी बाल्टी में एक नवजात का शव पड़ा देखा तो तुरंत डा. अंबरीश और अस्पताल स्टाफ को सूचना दी। अस्पताल की ओर से सदर कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। एसआई अभिषेक सिंह फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्ची के शव को निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
शौचालय की दीवारों पर खून के छींटे भी मिले हैं, जिससे यह संभावना है कि प्रसव इसी शौचालय में हुआ है। पुलिस ने कक्ष के सीसीटीवी कैमरे से संबंधित महिला की शिनाख्त करने की कोशिश की परंतु सीसीटीवी कैमरे खराब मिले। हालांकि चिकित्सक कक्ष और अन्य स्थान के सीसीटीवी कैमरे चालू अवस्था में हैं। अब पुलिस कुछ कैमरों की फुटेज खंगाल रही है जिससे कि किसी तरह महिला की शिनाख्त हो सके।
पुरुष जिला अस्पताल में प्रसव होते नहीं हैं। इसी के सामने जिला महिला अस्पताल बना है। वहां पर पुलिस ने पता किया लेकिन ऐसी कोई महिला नहीं पहुंची थी जिसका तुरंत प्रसव होना हो और वह वहां से चली आई हो। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि मामले की जांच पुलिस कर रही है।
दो दिन पूर्व पावर फ्लकचुएशन की वजह से संबंधित कक्ष के कैमरे में दिक्कत आ गई थी। जिसके लिए कर्मी को बुलाया गया था, अवकाश होने की वजह से वह आ नहीं पाया और उससे पूर्व यह घटना हो गई। अस्पताल में रात आठ बजे ड़्यूटी चेंज होती है और जिस तरह से गार्ड ने साढ़े नौ बजे नवजात के शव को देखा उससे माना जा रहा है कि यह घटना आठ से साढ़े नौ बजे के बीच की है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी भी खंगाल कर महिला की शिनाख्त के प्रयास कर रही है।
पुरुष जिला अस्पताल की इमरजेंसी के वार्ड में नवजात बच्ची का शव मिलने की घटना से अस्पताल प्रशासन भी हैरान है। सबसे बड़ी बात इस तरह की घटना होना सुरक्षा पर बड़ा सवाल है। कोई महिला आई और नवजात को छोड़ कर चली गई लेकिन सुरक्षा गार्ड से लेकर किसी स्टाफ की उस पर नजर तक नहीं पड़ी।
पहले पुरुष अस्पताल में इस तरह की घटना कभी सामने नहीं आई। हालांकि मेडिकल कालेज में जरूर कुछ माह पूर्व शौचालय के पाइप में भ्रूण फंसा मिल चुका है। पुलिस के लिए भी मामला चुनौतीपूर्ण है। दूसरी ओर शौचालय के पास लगा कैमरा खराब होना भी एक बड़ी लापरवाही दर्शा रहा है। जबकि डीएम ने बीते दिनों निरीक्षण में सभी प्रमुख जगह सीसी टीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में स्थित वार्ड के शौचालय में नवजात बच्ची का शव मिलने की घटना ने कई तरह चर्चाओं को जन्म दे दिया है। लोग अपने-अपने तरह से कयास लगा रहे हैं। अभी स्पष्ट कुछ नहीं हो सका है। अस्पताल पुलिस चौकी के एसआई अभिषेक सिंह ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति के मामले में 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराने का नियम है। इसलिए अभी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है। महिला की शिनाख्त करने की कोशिश की गई, लेकिन कैमरे बंद होने की वजह से सफलता नहीं मिल पाई। फिर भी लोगों से पूछताछ और आसपास के कैमरों को जांचा जा रहा है। जिससे कि कोई सुराग मिल सके।
महिला के जिला पुरुष अस्पताल आकर प्रसव के बाद नवजात बच्ची को छोड़ देने की बात हर किसी के समझ से परे नजर आ रही है, जिला अस्पताल में प्रसव ही नहीं होते हैं। ऐसे में महिला का उद्देश्य क्या रहा होगा, यह सवाल पुलिस और अस्पताल के जिम्मेदारों को परेशान कर रहा है। वैसे यह पहला मामला नहीं है जब कोई महिला नवजात को इस तरह छोड़कर भागी हो।
मेडिकल कालेज में कुछ माह पूर्व एक भ्रूण पाइप में फंसा मिला था। उससे पहले एक दो मामलों में नवजात कूड़े के ढेर पर भी पाए जा चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है जब जिला अस्पताल में इस तरह की घटना घटी हो। पुलिस का कहना है कि अगर कैमरे चालू होते तो जल्दी पता लगाया जा सकता था। उधर, सीएमएस डा. आनंद उपाध्याय का कहना है कि कैमरे सदैव चालू ही रहते हैं, लेकिन दो दिन पूर्व बिजली में फाल्ट की वजह से खामी आ गई।

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