Orai News: दो मासूमों की हत्या करने वाली मां को आजीवन कारावास, इस वजह से किया था अपनी ही बेटियों का कत्ल
उत्तर प्रदेश के उरई में पत्नी को मायके जाने से रोकने पर एक महिला ने तैश में आकर अपनी दो बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी। पांच साल बाद कोर्ट ने महिला को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। पुलिस ने पति की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

जागरण संवाददाता, उरई। कोटरा थाना क्षेत्र के छिरावली में पत्नी को मायके जाने से पति ने मना कर दिया था। जिससे तैश में आकर मां ने अपनी चार वर्षीय व 10 माह की बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी थी। पति की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। पांच साल बाद सुनवाई पूरी होने पर हत्या में दोषी मां को अपर जिला जज ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार गुर्जर ने बताया कि 29 अगस्त 2020 को कोटरा थाना क्षेत्र के ग्राम छिरावली निवासी महेंद्र सिंह बताया था उसकी पत्नी प्रमिला मायके जाना चाह रही थी। इसी बात को लेकर उसका पत्नी से विवाद हो गया था। उसने पत्नी को मायके जाने से मना कर दिया था और वह भैंस लेकर खेतों पर चराने चला गया था।
पड़ोसी ने झांककर देखा तो रह गया सन्न
घर में मां गुड्डी देवी थी वह भी दोपहर को खेतों पर चली गई थी। शाम चार बजे वह खेत से घर आया तो दरवाजा अंदर से बंद था। जब उसने आवाज दी तो दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद वह पड़ोसी मानसिंह के मकान से सीढ़ियां लगाकर घर में गया तो देखा पत्नी दीवार में सिर मार रही है और उसकी चार वर्षीय पुत्री माही व 10 माह की पुत्री रोशनी भी चारपाई पर मृत पड़ी है।
इसके बाद उसने मामले की सूचना पुलिस को दी थी। घायल पत्नी को इलाज के लिए मेडिकल कालेज झांसी भेजा गया था। साथ ही पति की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी। जब पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया तो शक के आधार पर पत्नी प्रमिला से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।
मायके जाने से मना करने पर किया कत्ल
उसने बताया था कि पति ने उसे मायके जाने से मना कर दिया था इसी तैश में आकर उसने अपनी दोनों पुत्रियों की गला दबाकर हत्या कर दी थी। साथ ही स्वयं भी जान देने की कोशिश की थी इसी कारण उसने दीवार में कई बार सिर मारा था जिससे वह घायल हो गई। पुलिस ने पति की तहरीर पर पत्नी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर 30 अगस्त 2020 को उसे जेल भेज दिया था।
पुलिस ने 24 सितंबर 2020 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। पांच साल चले ट्रायल के बाद शनिवार को सुनवाई पूरी हुई जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस व गवाहों के आधार पर अपर जिला जज भारतेंद्र सिंह ने प्रतिमा को पुत्रियों की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया।
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