पिता के साथ जा रहे युवक की गोली मार कर दी थी हत्या, दोनों हत्यारों को आजीवन कारावास
उरई में सात साल पहले हुए हत्या के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला जज ने प्रत्येक दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है जिसे न भरने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा होगी। यह मामला कोटरा थाना क्षेत्र के ग्राम सैदनगर का है जहां पुरानी रंजिश के चलते एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

जागरण संवाददाता, उरई। कोटरा थाना क्षेत्र के ग्राम सैदनगर निवासी एक युवक अपने मामा के यहां ग्राम लहरा थाना कुरारा जिला हमीरपुर में रह रहा था। 13 फरवरी 2018 को वह पिता के साथ ग्राम कुरुवा जा रहा था, इसी दौरान रास्ते में दो लोगों ने पुरानी रंजिश के चलते उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में सात साल चले मुकदमा के बाद जिला जज ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि कोटरा थाना क्षेत्र के ग्राम सैदनगर निवासी गजेंद्र सिंह ने कदौरा पुलिस को 14 फरवरी 2018 को लिखित सूचना दी थी कि उनका पुत्र निर्भाल सिंह उर्फ गब्बर सिंह अपने मामा ग्राम लहरा थाना कुरारा जिला हमीरपुर के यहां बचपन से ही रहता था। उसके साथ पत्नी व बच्चे भी रहते थे। 13 फरवरी 2018 को वह व उसके साथ गांव के राजपाल सिंह अपने लड़के के पास ग्राम लहरा गए थे।
वह पुत्र निर्भाल सिंह व राजपाल सिंह के साथ ग्राम कुरुवा जा रहे थे कि शाम 4:30 बजे जब वह गांव के बाहर पहुंचे तो ग्राम लहरा के शेखर सिंह कछवाहा पुत्र रणविजय सिंह व एक अन्य साथी के साथ मिला और पुत्र को पुरानी रंजिश के चलते गाली गलौज करते हुए तमंचा से बेटे को गोली मार दी। जिससे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई व गांव का निवासी सईम भी गोली के छर्रे लगने से घायल हो गया। जिसे ग्रामीण इलाज के लिए अस्पताल ले गए।
इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और एक नामजद सहित दो अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया था। जांच में पुलिस ने शेखर सिंह पुत्र रणविजय सिंह व जगदीश नारायण उर्फ कपरवा महाराज पुत्र लक्ष्मीनारायण का नाम प्रकाश में आया था। जिसके बाद पुलिस ने शेखर सिंह को दो अप्रैल 2018 व जगदीश को 21 मई 2018 को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
दो अगस्त 2018 को चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी थी। पुलिस ने एक बुलेट बाइक भी बरामद की थी। सात साल तक चले मुकदमा के ट्रायल के बाद सबूतों, गवाहों के आधार पर जिला जज अचल सचदेव ने हत्या के दोषी शेखर सिंह व जगदीश नारायण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर छह-छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
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