किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
एक अदालत ने किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिला है।

जागरण संवाददाता, उरई। किशोरी को घर से अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले दूसरे गांव के दोषी युवक को कोर्ट ने बीस साल कैद की सजा सुनाई है। दो साल बाद आए फैसले में सजा के साथ अपर एवं जिला सत्र विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। आर्थिक दंड न भरने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि माधौगढ़ कस्बा के एक मुहल्ला निवासी महिला ने 31 मार्च 2023 में कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 22 मार्च 2023 को वह परिवार सहित मजदूरी के लिए गई थी। घर लौटी तो पुत्री को नहीं पाकर उसकी खोजबीन की। पड़ोसियों से सूचना मिली कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री को जितेंद्र पुत्र रमेश वाल्मीकि निवासी रेंढ़र अपहरण करके ले गया है। जिसमें आरोपित के जीजा व बहन ने भी सहयोग किया था।
नकदी और जेवर भी गायब
पुत्री 50 हजार के जेवरात व आवास निर्माण के लिए रखी 50 हजार की नकदी भी ले गई थी। पुलिस ने शिकायती पत्र के आधार पर अपहरण व पाक्सो की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। कुछ दिनों बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था और किशोरी को बरामद कर उसके बयानों के आधार पर मुकदमा में दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी गई थी।
पुलिस ने 18 मई 2023 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। दो साल तक चली मुकदमा की सुनवाई के बाद साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अपर एवं जिला सत्र विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मोहम्मद कमर ने दोषी जितेंद्र वाल्मीकि को 20 साल का कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जिसमें 30 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिया जाएगा। जुर्माना न देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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