बंद कमरे में रिश्वत ले रहा था, दरवाजा के पीछे छिपी थी पुलिस; कानूनगो गिरफ्तार, अधिकारी ने निकाली रिवॉल्वर… तो उड़ गए होश
उत्तर प्रदेश के जालौन में एंटी करप्शन टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) और उसके दो दलालों को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एक महिला ने अपने पति की मौत के बाद उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था लेकिन राजस्व निरीक्षक ने उसे रिश्वत देने के लिए मजबूर किया था।
संवाद सहयोगी, जालौन। राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) और उसके दो दलालों को भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) टीम ने 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों कार्यालय के अंदर से गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोरी की शिकायत एक महिला ने की थी, जिसे उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाना था। वह दो माह से तहसील के चक्कर काट रही थी। हर बार राजस्व निरीक्षक कोई न कोई बहाना बना कर उसे वापस कर देता था।
यह है पूरा मामला
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम परैथा निवासी 35 वर्षीय राधा पटेल के पति शिवेंद्र सिंह निरंजन परिषदीय स्कूल में सुल्तानपुर में शिक्षक के पद पर तैनात थे। तीस सितंबर को उसके पति ने घरेलू कलह से परेशान होकर घर पर आत्महत्या कर ली थी।
महिला ने बताया कि उसके पति की मौत हो जाने के बाद उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनवाने वह अक्टूबर माह में कोंच तहसील आई थी। जहां उसके प्रार्थना पत्र पर राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे को रिपोर्ट लगानी थी, लेकिन राजस्व निरीक्षक उसे बराबर कागज में कमी होने की बात कहकर टरका देते थे।
दो माह तक चक्कर लगाते थक गई तो एक सप्ताह पहले तहसील में ही दो दलालों से संपर्क हुआ। उन्होंने कहा कि तीस हजार रुपये में सेटिंग करा देंगे। महिला मान गई। इसी बीच उसने अपने रिश्तेदारों से यह बात बताई। सभी ने सलाह दी कि एंटीकरप्शन टीम को इसकी सूचना फोन करके दे दो। महिला ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी फोन से संपर्क किया और अपनी परेशानी बताई।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निरीक्षक शादाब खान और उनकी टीम ने उसे आश्वस्त किया। एंटी करप्शन टीम में निरीक्षक ठाकुरदास, उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप, इरशाद, राहुल कुशवाहा, ओमकार, आरिफ, जीतेंद्र सिंह, शिवम गुप्ता व मनोज शामिल रहे। यह लोग दो गाड़ियों से पहुंचे थे।
नौ बजे पहुंच गई थी टीम
महिला से टीम के अधिकारियों ने शुक्रवार का दिन तय किया और सुबह नौ बजे ही तहसील के पास पहुंच गए। उन्होंने अपनी गाड़ी तहसील से दूर खड़ी की। गाड़ी के ऊपर लगी बत्ती भी निकालकर अंदर रख ली थी।
उन्होंने महिला को राजस्व निरीक्षक कृष्णा बाबू खरे के कार्यालय पहुंचने का इशारा किया। महिला कार्यालय के अंदर पहुंची तो वहां मौजूद राजस्व निरीक्षक ने महिला से कहा कि पैसे इन दो लोगों को दे दो। महिला ने राजस्व निरीक्षक द्वारा बताए गए लोगों को पैसे दे दिए।
दोनों ने रुपये की गड्डी लेकर गिना उसके बाद राजस्व निरीक्षक ने भी उन पैसों को गिना। चूंकि रुपयों में केमिकल लगा हुआ था, इसलिए एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने जो वहां पहले से दरवाजे के बाहर सादी वर्दी में मौजूद थे, तीनों को दबोच लिया और एट थाने में ले जाकर तीनों आरोपियों कृष्णा बाबू खरे राजस्व निरीक्षक, माता प्रसाद राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त चपरासी निवासी भेंड़ थाना कोंच व सौरभ यादव निवासी ग्राम भरसूड़ा थाना कोटरा के विरुद्ध एट थाने में मुकदमा पंजीकृत करा दिया।
टीम से उलझ गया था राजस्व निरीक्षक
अपने को पकड़ा देखकर राजस्व निरीक्षक व दोनों दलालों ने विरोध भी किया। टीम के सदस्यों से धक्का मुक्की भी करने लगे। इसी बीच तहसील में मौजूद लोग वहां पहुंच गए और भारी भीड़ जुट गई। टीम के सदस्यों ने अपना कार्ड दिखाया तो आरोपी सकते में आ गए।
भीड़ को रोकने के लिए निकाली रिवाल्वर
राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे को घूस लेते गिरफ्तार किए जाने की सूचना मिलते ही उनके कार्यालय के बाहर लेखपालों के साथ अन्य लोगों की भीड़ बढ़ गई। कहीं कोई अनहोनी न हो जाए इसके लिए एंटी करप्शन टीम के एक सदस्य ने अपनी रिवाल्वर निकालकर हवा लहराई तो लोग डर कर वहां से दूर खिसक गए। तीनों को पकड़ कर टीम के सदस्यों ने गाड़ी में डाला और ले गए।
एट थानाध्यक्ष विमलेश कुमार ने बताया कि आरोपी राजस्व निरीक्षक सहित तीनों पर मुकदमा एंटी करप्शन टीम की ओर से मिली तहरीर के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, तीनों आरोपी अभी थाने में पुलिस अभिरक्षा में हैं।
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