नकली खाद : ट्रक का पीछा कर नकली खाद के कारखाने तक पहुंची थी टीम, झांसी से सुराग मिलने पर तैयार किया प्लान
एक टीम ने झांसी से मिले सुराग के आधार पर एक ट्रक का पीछा किया और नकली खाद के कारखाने तक पहुंची। इस कार्रवाई में टीम ने नकली खाद बनाने के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया। टीम को झांसी से इस गोरखधंधे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर यह योजना बनाई गई।

जागरण संवाददाता, उरई। जानकारी मिली कि एट थाना क्षेत्र में किसी स्थान पर नकली खाद बनाने का काम हो रहा है और माल झांसी लाया जाता है। इसका पता लगाने को डीएम ने जिला कृषि विभाग के साथ पुलिस की एक टीम का गठन कर इसका सुराग लगाने का आदेश दिया था। पिछले दो दिन से टीम एट क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही थीं।
सोमवार को दिन में पता चला था कि एट से ट्रक झांसी माल लेकर गया था। वाहन नंबर और लोकेशन के आधार पर टीम ने झांसी से उस वाहन का पीछा किया था। इसके बाद टीम पिरौना गांव तक आई तो यहां कारखाना की जानकारी हो सकी थी। इस अड्डे से नकली तैयार खाद बरामद करने के साथ मशीन, जनरेटर व खाली बोरियां भी मिली थीं। इस मामले में अभी तक सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। नकली डीएपी खाद 250 रुपये बोरी में मिलने वाली जिप्सम, कंडा की राख से तैयार की जाती थी।
जिलाधिकारी को मिली थी जानकारी
बीते रविवार को जिलाधिकारी राजेश पांडेय को एक फोन के माध्यम से जानकारी मिली कि झांसी की ओर एट क्षेत्र से एक ट्रक में खाद लद कर जा रही है। डीएम ने पता किया तो दो दिन समिति में अवकाश था, वहां खाद नहीं मिल रही है तो ट्रक से खाद लद कर झांसी के रास्ते कैसे जा सकती है। उन्होंने तुरंत जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव को कार्यालय बुलाया।
एक टीम गठित कराई, निर्देशित किया कि एट क्षेत्र में कहीं न कहीं नकली खाद तैयार करने का काम हो रहा है या फिर बार से खाद लाई जा रही है। अब इसके सूत्र एट क्षेत्र में झांसी सीमा पर ही मिल सकते थे। सोमवार को जिला कृषि अधिकारी व अन्य लोगों की टीम दो गाड़ियों से निकले थे। सूचना मिली कि झांसी के पूंछ क्षेत्र में ट्रक से माल एट के पिरौना क्षेत्र से लाया गया है और वाहन खाली करके उसी क्षेत्र में फिर जा रहा है। टीम लोकेशन और वाहन के मिले नंबर के आधार पर उसका पीछा करने लगी। टीम जैसी पिरौचा पुलिस चौकी के पास आए तो ट्रक एक कच्चे रास्ते से होकर खेत के पास जा रुका।
अधिकारियों ने अपना वाहन ट्रस से दो सौ मीटर दूर ही खड़ा कर एक गुमटी में चाय पीने का बहाना कर उस पर नजर जमाए रहे। ट्रक चालक व दो अन्य खेत में बने मकान के अंदर जैसे ही गए तो अधिकारी भी वहां पहुंच गए। पुलिस की मदद से अंदर प्रवेश किया तो भनक लगने पर अंधेरे का फायदा उठा कर वहां एकत्र करीब छह-सात लोग भाग निकले। जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने बताया कि मौके से 102 बोरी डीएपी की नई बोरी में भरी खाद, 58 बोरी जिप्सम की भरी हुई व सिलाई मशीन, जनरेटर आदि बरामद हुआ था।
इस तरह से तैयार करते नकली डीएपी
जिप्सम खनिज एक प्राकृतिक काली मिट्टी होती है जो दुकानदार को 250 रुपये प्रति बोरी की दर से मिल जाती है। नकली डीएपी तैयार करने वाली इसी जिप्सम को खरीद लेते हैं, फिर कंडा की राख को गीला कर इसकी गोली बना लेते हैं, इसका रंग बिल्कुल डीएपी की तरह हो जाता है। यह मिलावट करने वाले झांसी व मप्र से यह कच्चा माल बोरियों में लाते थे। यही 250 रुपये बोरी की कीमत किसान को 1350 रुपये में बिक्री कर दी जा रही थी।
आरोपितों की हो रही तलाश
जहां से नकली खाद बरामद हुई यह गोदाम हरिपाल, विधाता यादव, दाता यादव पुत्रगण स्व. रामपाल सिंह, व इंदल सिंह, जालिम सिंह पुत्रगण जमुनादास, निवासी पिरौना की जमीन पर बना है। छापेमारी के दौरान सभी आरोपित अपने घर छोड़कर फरार हो गए थे।
केवल एक महिला मौके पर मिली थी। बताया कि यह नकली डीएपी खाद छोटू उर्फ शुभ रिछारिया व कृष्ण कुमार यादव (निवासी ग्राम ढेरा, थाना पूंछ) द्वारा जमीन मालिकों के साथ मिलकर तैयार कराई जा रही थी। एट थानाध्यक्ष पंकज पांडेय का कहना है कि जांच चल रही है, सात पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
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