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    Bundelkhand Expressway : बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में धांधली करने वालों पर योगी सरकार कसेगी शिकंजा; आदेश जारी

    By Edited By: Mohammed Ammar
    Updated: Sat, 07 Oct 2023 07:04 PM (IST)

    Bundelkhand Expressway बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। यह एक्सप्रेस वे चित्रकूट से इटावा तक बनाया गया है। सदर तहसील के ग्राम नरछा निवासी अरुण तिवारी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में किसानों की बिना अनुमति एवं खेतों से मानक से अधिक मिट्टी की खुदाई कराने को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण दिल्ली में याचिका दाखिल की थी।

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    Bundelkhand Expressway : बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में धांधली करने वालों पर योगी सरकार कसेगी शिकंजा; आदेश जारी

    जागरण संवाददाता, उरई।  बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण में अवैध मिट्टी खनन का मामला एक बार फिर मुद्दा बन चुका है। किसानों की बिना अनुमति एवं मानक विहीन खेतों से मिट्टी की खुदाई करने पर इसकी शिकायत राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) में की गई है। जिसमें न्यायाधिकरण ने जालौन जिलाधिकारी से तीन सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की आख्या तलब करने का आदेश दिए हैं।

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    बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। यह एक्सप्रेस वे चित्रकूट से इटावा तक बनाया गया है। सदर तहसील के ग्राम नरछा निवासी अरुण तिवारी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में किसानों की बिना अनुमति एवं खेतों से मानक से अधिक मिट्टी की खुदाई कराने को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण दिल्ली में याचिका दाखिल की थी।

    किसानों की अनुमति के बिना ली गई अनुमति 

    याची का आरोप था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण में जितनी भी मिट्टी का भराव हुआ है, उसकी खुदाई एक्सप्रेसवे सीमा से सटे खेतों से की गई थी। उनका आरोप है कि जिन खेतों से मिट्टी उठाई गई है, उसमें खेत किसानों से अनुमति नहीं ली गई है।

    खेत से मिट्टी मानक के अनुरूप दो मीटर खुदाई कर उठाने का नियम है, लेकिन परियोजना प्रस्तावक मैसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने मिट्टी की खुदाई 10 से 15 मीटर तक की है। उनका आरोप है कि खेतों में गहरे मिट्टी खनन के कारण सैकड़ों मवेशी मर गए हैं और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हुआ है। जिसके बाद आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन करने के आदेश दिए हैं।

    इस समिति में यूपीपीसीबी के अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि, लोक निर्माण विभाग रहेंगे जबकि जिलाधिकारी समन्वयक का कार्य करेंगे। संयुक्त समिति मौके पर पता लगाएगा कि कितना अवैध खनन किया गया है इसके अलावा उससे होने वाले पर्यावरण को नुकसान के साथ प्रक्रिया, निवारक और उपचारात्मक उपाय भी सुझाएगा। संयुक्त समिति यह रिपोर्ट 15 दिसंबर या उससे पहले प्रस्तुत करनी होगी।

    काली मिट्टी का भराव होने से धसका एक्सप्रेस वे 

    बीते साल बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ था। जिसमे कार्यदाई संस्था ने ही एक्सप्रेस वे सीमा से सटे किसानों के खेतों से मिट्टी की खुदाई कर उठान करके एक्सप्रेस वे का भराव किया गया था। जनपद काली मिट्टी का क्षेत्र है लेकिन एक्सप्रेस वे निर्माण में पीली मिट्टी का भराव होना था लेकिन कर्यदाई संस्था ने काली मिट्टी की खेतों से खुदाई कराकर एक्सप्रेस वे के निर्माण में प्रयोग कर दी। जिससे एक्सप्रेस वे जलौन, डकोर समेत कई जगहों पर धंस गया है।

    बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में मिट्टी भराव से संबंधित राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण में कब याचिका दाखिल हुई है। इसकी अभी जानकारी नहीं है और न ही कोई आदेश प्राप्त हुआ है। अगर तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराने का आदेश मिला है तो उसका पालन किया जाएगा।

    राजेश कुमार पांडेय, जिलाधिकारी