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    यमुना नदी में डूबे दोनों युवकों के शव बरामद

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Jun 2021 06:26 PM (IST)

    संवाद सहयोगी कालपी गुरुवार की शाम यमुना में डूबे नगर के दो युवकों के शव शुक्रवार को बरामद हो गए। युवकों के स्वजनों का घटना के बाद से ही रो-रो कर बुरा ...और पढ़ें

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    यमुना नदी में डूबे दोनों युवकों के शव बरामद

    संवाद सहयोगी, कालपी : गुरुवार की शाम यमुना में डूबे नगर के दो युवकों के शव शुक्रवार को बरामद हो गए। युवकों के स्वजनों का घटना के बाद से ही रो-रो कर बुरा हाल हैं। वहीं मोहल्ले के लोग भी स्तब्ध हैं।

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    नगर के मोहल्ला हरीगंज निवासी कन्हैया दीक्षित पुत्र मोहन दीक्षित कागजीपुरा निवासी राहुल द्विवेदी पुत्र बबलू व किन्सुख, रामलखन समेत चारों युवक नगर के किलाघाट के घाट के समीप नहाने गये थे। जिसमे कन्हैया व राहुल नहाते समय डूब गये थे। जिनकी तलाश में पुलिस प्रशासन ने गोताखोरों की टीम लगा दी थी। रात करीब डेढ बजे के आसपास कन्हैया का शव नदी से निकाला गया। उसके बाद शुक्रवार की सुबह लगभग छह बजे के आसपास राहुल का शव नदी से गोताखोरों ने निकाला। जैसे ही दोनों युवकों के शव नदी से बाहर निकाले गये तो दोनों के घरों में चीत्कार मच गई। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इकलौता कन्हैया था भागवताचार्य :

    कन्हैया अपने घर का इकलौता चिराग था। वह बीए में पढ़ रहा था। वहीं भागवत वक्ता भी था। कन्हैया के पिता मोहन दीक्षित यमुना पट्टी के गांव मैनूपुर के निवासी हैं कालपी के हरीगंज में किराये से रहते हैं। पिता तबला वादक हैं। उनके पास जमीन भी नही है। कन्हैया व उनके पिता मिलकर गृहस्थी चलाते थे। कन्हैया अपने माता शशि व बड़ी बहन नैंसी व पिता का लाडला वह संगीत का भी प्रेमी था। उसकी मौत का दुख उसके दोस्तों लकी आशू, अर्पित, संदीप आदि को भी है। कन्हैया के पिता मोहन बिलख बिलख कर रोते हैं। जो भी उन्हें धैर्य धारण करने की बात करता है वह भी रो उठता है। कन्हैया की मां व बहन बेसुध हैं। घर में रिश्तेदारों व लोगों का आना जाना लगा था। राहुल भी होनहार था :

    नगर के मोहल्ला कागजीपुरा निवासी बबलू द्विवेदी मैजिक चालक हैं बेहद दिल खुश मिजाज के व्यक्ति है राहुल उनका बड़ा पुत्र था। अपने पुत्र की मौत की खबर से वह बदहवास हैं। घर के दरवाजे पर बैठकर बिलख रहे हैं। वहीं राहुल का छोटा भाई ऋषभ भी दोस्तों के बीच गमगीन बैठा था। उसके दोस्त उसे ढांढस बंधा रहे थे। राहुल बीए का छात्र था और राजनीति में रुचि रखता था। दोनों युवकों की मौत से नगर में भी शोक छाया है। इंटरनेट मीडिया में भी लोग दुखी परिवार को धैर्य देने की बात कह रहे हैं। संसाधनों की कमी :

    यमुना नदी में प्रति वर्ष किसी न किसी की डूबने से मौत की खबरें आती रहती हैं। जिन्हें तलाशने के लिए पुलिस प्रशासन भी परेशान होता है। यमुना में डूबने वाले लोगों की तलाश करने के लिये यमुना पट्टी के गांवों के गोताखोर ही एक मात्र सहारा है। यह परेशानी तब और बढ जाती है। जब रात में कोई डूब जाता है उनकी तलाश के लिए न तो लेजर लाइटें हैं और ना ही स्विम सूट है। सिर्फ गोताखोरों के कंधों पर ही सारा दारोमदार होता है। घाट के समीप रोज पहुंचते हैं बड़ी संख्या में लोग :

    किलाघाट का घाट नगर का सबसे रमणीय स्थल है। यह यमुना किनारे स्थित है कानपुर देहात में यमुना से रेत के अवैध खनन के चलते यमुना की जलधारा किला घाट को छोड़कर कानपुर देहात की ओर चली गई है जिसके कारण बड़ा सा रेत का टीला निकल आया है। रेत के टील के समीप ही यमुना बहती है। इस स्थान पर रोजाना बडीं संख्या में नगर के लोग सुबह दोपहर शाम को घूमने जाते हैं। यहां पर जन्मदिन की पार्टी से लेकर वीडियो शूट किये जाते हैं। देर रात तक लोगों का आवागमन रहता है ।राहुल और कन्हैया भी अक्सर यहां आते थे। वहीं लोगो बताते हैं कि पांच दिन पूर्व कुछ युवा नदी में नहाने के दौरान डूब रहे थे। तब उन्हें एक नाविक ने बचाया था।