'हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था..'
...और पढ़ें

बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू
उरई, हमारे प्रतिनिधि : 'हमें तो अपने ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी किश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था'। यह किसी शेर, शायरी के कार्यक्रम में कही गयी पंक्तियां नहीं बल्कि मंगलवार से शुरू हुए बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं में किया गया परीक्षार्थियों के दर्द-ए-दिल का इजहार है। शहर स्थित एक मूल्यांकन केंद्र में हिंदी की कापी जांच रहे एक शिक्षक ने बताया कि उनके हिस्से में आयी एक कापी में प्रश्न के उत्तर की बजाय शायरी लिखकर काम चलाया गया था। छात्र ने लिखा था कि 'इस जमाने में काश मोहब्बत न होती तो इस जिंदगी में मिठास न होती'। दूसरे शिक्षक ने बताया कि उनकी पहली कापी के अंतिम पृष्ठं पर सही उत्तर लिखने में असमर्थ परीक्षार्थी ने लिख रखा था 'गुरू जी मुझे पास कर देना, मेरी जिंदगी का सवाल है, शादी टूट जायेगी'। एक दो शिक्षकों को कापियों में नोट भी रखे मिले। मूल्यांकन कार्य के पहले दिन केंद्रों में पानी सहित अन्य व्यवस्थायें दुरुस्त दिखायी दीं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।