Orai News: किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को 20 साल का कारावास, 6 साल बाद आया फैसला; दो नाबालिग आरोपियों का मामला विचाराधीन
उरई में छह साल पहले एक 17 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में एक दोषी को 20 साल की सजा सुनाई गई है और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दो अन्य नाबालिग आरोपियों का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में विशेष न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया।
जागरण संवाददाता, उरई। खेत गई नाबालिग को अगवा कर तीन युवकों ने दुष्कर्म किया था। मां की तहरीर पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। छह साल बाद मुकदमा की सुनवाई पूरी होने पर एक दोषी को 20 साल का कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है।
जबकि दो नाबालिग आरोपितों का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि सिरसा कलार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 14 फरवरी 2019 को तहरीर देकर पुलिस को बताया था कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री अपनी चाची के साथ शौच क्रिया के लिए खेत की ओर गई थी।
इसी दौरान ग्राम नियामतपुर निवासी ऋषि, अंशुल, प्रदीप बाइक से आए। ऋषि, अंशुल रोड पर खड़े रहे और हर आने जाने वाले पर नजर रखे थे। आरोपित प्रदीप पैदल चलकर खेत पर पहुंचा और उसकी बेटी को दबोच कर झाड़ियों में घसीट ले गया।
धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया। बेटी व चाची के चिल्लाने पर कुछ ग्रामीण बचाव के लिए दौड़े तो तीनों आरोपित जान से मारने दी धमकी देते हुए भाग गए थे। इसके बाद पुलिस ने 16 फरवरी 2019 को दुष्कर्म सहित पाक्सो एक्ट में तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
विवेचना के दौरान पीड़िता के बयान के आधार पर तीनों आरोपितों ने दुष्कर्म किया था, इसलिए अंशुल, प्रदीप, ऋषि के खिलाफ दुष्कर्म पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
आरोप पत्र पर संज्ञान लिया गया जिस पर अंशुल व प्रदीप को न्यायालय द्वारा नाबालिग मानते हुए उन दोनों आरोपियों की फाइल किशोर न्याय बोर्ड में ट्रांसफर कर दी थी। जिसमें उन दोनों आरोपियों का ट्रायल किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है।
शुक्रवार को मामले की सुनवाई पूरी होने पर बयान और सबूतों के आधार पर ऋषि को किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मुहम्मद कमर ने 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जिसमें 30 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
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