भक्तों के कष्टों का निवारण करतीं देवी कामाख्या
संवाद सहयोगी, जालौन : ग्राम पहाड़पुरा खेरा में स्थित कामाख्या देवी का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र
संवाद सहयोगी, जालौन : ग्राम पहाड़पुरा खेरा में स्थित कामाख्या देवी का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दरबार में पहुंच कर अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए देवी के चरणों में मत्था टेकते हैं। नवरात्र पर पंचमी से नवमी तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर की ख्याति दूर तक फैली हुई है।
जनपद जालौन में वैसे तो कई शक्ति पीठ हैं जिनका वर्णन पौराणिक किताबों में मिलता है। रक्त दंतिका मंदिर की गाथा दुर्गा सप्तशती में मिलती है। इसके अलावा भी सिद्ध शक्तिपीठ हैं। जनपद में प्राचीन मंदिरों की संख्या काफी है। जालौन कस्बे के पास ही ग्राम पहाड़पुरा खेरा में स्थित देवी कामाख्या का मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। सोमवार को इस मंदिर में दर्शन करने का अपना अलग महत्व है। जिसके चलते सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में मत्था टेकते हैं। नवरात्र के दिनों में तो इस मंदिर की शोभा ही अलग होती है। मंदिर को तोरण पताकाओं से सजाया जाता है। भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ करने के साथ ही भजन कीर्तन भी करते हैं। हर नवरात्र की पंचमी से नवमी तक मेला लगता है जिसमें आस पास गांवों के लोग पहुंचते हैं। यह मंदिर प्राचीन नक्काशी का बना हुआ है। मंदिर में चार पुजारी रहते हैं जो देवी की सेवा करते हैं। मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जिस भक्त ने कई सोमवार यहां मत्था टेका उसकी मुराद अवश्य पूरी हुई है।
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