एक बीघे में 50 क्विंटल प्याज
कोंच, संवाद सहयोगी : तहसील के हर एक गांव में इन दिनों किसान अपने प्याज के खेतों की देखरेख में व्यस्त
कोंच, संवाद सहयोगी : तहसील के हर एक गांव में इन दिनों किसान अपने प्याज के खेतों की देखरेख में व्यस्त हैं। किसानों की प्याज उत्पादन में बढ़ती रुचि ने इस बार सैकड़ों हेक्टेयर भूमि में प्याज लगवा दी है जिससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र प्याज उत्पादन का अग्रणी क्षेत्र बन सकता है। कम पूंजी में भारी मुनाफा कमाने वाली प्याज के प्रति बढ़ती किसानों की रुचि प्याज के आसमान छूते दामों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
प्याज की बढ़ी कीमतों को लेकर देश की सरकारों को भी हिला देने वाली खबरों को देखते हुए अब तहसील के किसानों ने प्याज की खेती को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है। पहले जहां प्याज की खेती कुछ ही लोग किया करते थे लेकिन इस बार लगभग 40 प्रतिशत किसान प्याज की पैदावार में लग गये हैं। चारों ओर प्याज की लहराती फसल प्याज की कीमतों को गिराने में सहायक सिद्ध हो सकती है। प्याज की खेती किसानों को आर्थिक संपन्नता की ओर भी ले जा सकती है। जनवरी एवं फरवरी माह के मध्य बोयी जाने वाली प्याज एक बीघा में 50 कुंटल तक पैदावार बढ़ा सकती है। एक बीघा में प्याज का बीज (कन) 2 किलो रोपा जाता है जिसकी कीमत तीन हजार तक होती है। कन रोपे जाने के बाद इसमें पानी तथा खाद दी जाती है। पिपरमेंट की भांति प्याज की फसल में लगभग 10 बार पानी दिया जाता है। 90 दिन की इस फसल में प्रति बीघा 10 से 12 हजार तक की लागत आ जाती है। प्रति बीघा 50 कुंटल तक पैदावार की फसल से किसान खासा मुनाफा कमा रहे हैं।
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