आईएएस बनकर लौटे अक्षय का स्वागत
उरई, जागरण संवाददाता : भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में देश में चौथी रैंक हासिल करने वाले जिले के निवासी अक्षय त्रिपाठी मंगलवार को पहली बार अपने घर आये तो उनका भव्य स्वागत हुआ। दादा, ताऊ, नानी, बहन सभी की आंखों में उनकी कामयाबी पर खुशी के आंसू थे।
दुर्लभ प्रतिभा के धनी अक्षय त्रिपाठी मूल रूप से जिले के सबसे पिछड़े इलाके रामपुरा क्षेत्र के बीहड़ गांव पतराही के निवासी हैं। हालांकि उनके पिता केपी त्रिपाठी अरुणाचल प्रदेश में लोक निर्माण विभाग में अधिशाषी अभियंता के पद पर तैनात हैं। अक्षय त्रिपाठी ने कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई ग्वालियर में रहकर की। 9 से 12 वीं तक लखनऊ में पढ़े बीटेक कानपुर से किया। पिछले साल आरईएस में अक्षय त्रिपाठी ने पूरे देश में पहली रैंक हासिल कर न सिर्फ जिले का नाम रोशन किया बल्कि पूरे प्रदेश में सितारे की तरह चमके। इस बार आईएएस में अक्षय त्रिपाठी ने पूरे देश में चौथी रैंक हासिल कर सफलता की बुलंदी छू ली। अक्षय त्रिपाठी ने अपनी सफलता का श्रेय पूरे परिवार को दिया। उन्होंने कहा कि शुरू से उनकी इच्छा गरीबों की मदद करने की रही है, आईएएस बनकर उन्हें इसका अवसर मिला है। वर्तमान में अध्यक्ष त्रिपाठी रेलवे में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर मुंबई में तैनात हैं। आईएएस बनने के बाद पटेल नगर स्थिति तुलसी धाम के पास अपने घर पहुंचे तो पूरे परिवार ने उनका भव्य स्वागत किया। मां साधना मिश्रा, बहन डा. खुशबू, दादा बाला प्रसाद, दाऊ श्याम बिहारी, मामा अनिल मिश्रा सभी अक्षय की कामयाबी से प्रफुल्लित थे।
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