यूपी के इस जिले में एक्सप्रेस-वे तक आ सकता है यमुना का पानी! 24 घंटे के लिए लेखपालों की अलग-अलग ड्यूटी
हाथरस में हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में बाढ़ आ गई है जिससे मिढ़ावली गांव के किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं। लगभग 500 बीघा फसल डूब गई है। प्रशासन ने लेखपालों की ड्यूटी लगाकर स्थिति पर नजर रख रहा है और किसानों को मुआवजे का इंतजार है। किसानों में अपनी फसल की बर्बादी को लेकर चिंता है।

जागरण संवाददाता, हाथरस। रविवार को हथिनी कुंड का पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में भयंकर बाढ़ की स्थिति पैदा होती जा रही है। वही क्षेत्र के गांव मिढ़ावली के खेतों में भी यमुना नदी की बाढ़ का पानी आ जाने के कारण किसानों का चिंतित होना लाजमी बन गया है।
यमुना नदी का पानी खेतों की ओर लगातार बढ़ने से जानकारी प्रशासन को होने पर लगातार निगाहें रखी जा रही है, स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए 24 घंटे के लिए लेखपालों की अलग-अलग समय निर्धारित का ड्यूटी लगाई गई है।
प्रशासन की लगी निगाहें, अलग-अलग समय पर लेखपालों की लगाई ड्यूटी
रविवार की देर शाम को यमुना नदी में दोबारा से आई बाढ़ के कारण यमुना का जल स्तर बढ़कर मिढ़ावली के बनखंडी महादेव मंदिर से लगभग एक किलोमीटर दूर तक आ गया था जो धीरे-धीरे बढ़ता हुआ खेतों की ओर आ रहा है जिसके कारण लगभग 500 बीघा से अधिक भूमि अथवा फसलों में पानी भर गया है।
रविवार की देर शाम को यमुना नदी के पानी ने पुनः दस्तक दे दी। किसानों की मानें तो इस बार यमुना नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है जिसकी वजह से 500 बीघा से अधिक खेतों तथा फसल में पानी भर गया है।
यमुना नदी की बाढ़ का पानी आ जाने के कारण किसानों की बढ़ा दी चिंता
पिछली बार तो फसल खराब होने से बच गई थी, किंतु इस बार उनकी फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो सकती है इसलिए प्रशासन को यमुना नदी के किनारे से लेकर वनखंडी महादेव मंदिर तक जिन किसानों की खेतों में बाजरा, तिलहन एवं दलहन की फसल खड़ी हुई है इसका सर्वे करके मुआवजा देने की तैयारी करनी होगी क्योंकि लगातार बरसात होने के कारण खेत पूरी तरह से भर चुके हैं।
लेखपालों की ड्यूटी लगाकर रिपोर्ट ले रहा प्रशासन
बाढ़ की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन द्वारा 24 घंटा के लिए अलग-अलग लेखपालों की ड्यूटी लगाकर लगातार रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया गया है। रविवार को हथिनी कुंड से दोबारा छोड़े गए पानी के कारण निश्चित रूप से यह पानी यमुना एक्सप्रेसवे की निकट आ सकता है जिससे किसानों का ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
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