Weather Update: घनघाेर बारिश के अलर्ट पर हाथरस DM ने जारी की एडवायजरी, इमरजेंसी में इन नंबरों पर करें संपर्क
Weather Update Hathras News In Hindi तेज बारिश होने की संभावना चेतावनी की जारी सतर्कता। डीएम ने तेज बारिश की संभावना को लेकर पर्याप्त इंतजाम के दिए निर्देश। वर्तमान में मानसून के प्रभाव से गत दिनों से जनपद में लगातार बारिश मौसम विभाग का अलर्ट प्रशासन ने की है एडवाजरी जारी डीएम ने कहा उपजिलाधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया जाए संसाधन पर्याप्त हों।
हाथरस, जागरण संवाददाता। वर्तमान में मानसून के प्रभाव से गत दिनों से जनपद में निरंतर बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी मौसम संबंधी अलर्ट के अनुसार आगामी दिनों में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। इस मौसम के दौरान जल भराव,अतिवृष्टि, बाढ़ जैसी घटनाएं घटित हो जाती है। आगामी दिनों में होने वाली अत्यधिक बारिश को देखते हुए जनपद के विभिन्न विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
डीएम ने दिए उप जिलाधिकारियों को निर्देश
जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने निर्देश दिया है कि सभी उपजिलाधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि निरंतर होने वाली बारिश से अतिवृष्टि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के जिन ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों में वर्षा,अतिवृष्टि,बाढ का पानी आ रहा है। उन स्थलों का निरीक्षण करते हुए सुनिश्चित कर लिया जाए कि वहां प्रभावित व्यक्तियों के लिए सुविधाएं पूरी कर ली जाएं। बारिश प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामवासियों के पशुओं के रहने एवं उनके चारे की व्यवस्था मुख्य पशुचिकित्साधिकारी,खंड विकास अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए कर ली जाए।
कंट्रोल रूम पर कीजिए फोन
किसी समस्या के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कंट्रोल रूम नंबर 0522-227046 एंव टोल फ्री नंबर 1077 एवं प्रभारी अधिकारी देवीय आपदा के मोबाइल नंबर 9454417798 एवं आपदा सहायक मोबाइल नंबर 9456445032 एवं आपदा विशेषज्ञ मोबाइल नंबर 9520782782 पर तत्काल संपर्क किया जाए।
नोडल अधिकारी नामित किए
तहसील हाथरस में उपजिलाधिकारी हाथरस और तहसील सादाबाद में उपजिलाधिकारी सादाबाद, तथा तहसील सासनी में उपजिलाधिकारी सासनी एवं तहसील सिकंदराराऊ में उपजिलाधिकारी सिकंदराराऊ को अपने-अपने क्षेत्रों में दैवीय आपदा की घटनाओं को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
झमाझम बारिश किसानों के चेहरों पर दिखी खुशी
शुक्रवार की दोपहर क्षेत्र में मौसम की पहली जोरदार बारिश हुई। उससे पहले क्षेत्र में केवल बूंदाबांदी होती रही है। जोरदार बरसात नहीं होने पर किसानों के चेहरों पर परेशानी की लकीरें बढ़ती जा रही थी । इधर पूरे क्षेत्र में धान की फसल रोपने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। धान की फसल की रोपाई के साथ जबतक फसल पककर कट नहीं जाती उस समय तक इस फसल को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। बरसात नहीं होने पर और भूभर्ग जल का स्तर नीचे गिरने के कारण किसानों को इस फसल के लिए पानी की कमी महसूस होने लगी थी । पहली जोरदार बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है।