Online education : छात्रों को मिला डिजिटल प्लेटफार्म, आईएमटीएस में प्रोफेसरों से घर बैठे दूर करें अपने डाउट
Online education आनलाइन शिक्षा वर्तमान समय की मांग है। इसी को देखते हुये आज हर जगह डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईएमटीएस नोएडा भी ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों को डिजिटल शिक्षा से संबंधित सरकारी पहल का समर्थन कर रहा है।

हाथरस, जेएनएन। Online education : कोरोना ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया था। इससे शिक्षा भी अछूती नहीं रही। यही कारण है कि आनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दिया गया। आज भारत में डिजिटल शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। आज आपको कालेज जाने की जरूरत नहीं, आप फीस जमा करें और आनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। आन लाइन शिक्षा की ओर आईएमटीएस ने कदम बढ़ाया है। यहां शत प्रतिशत ई लर्निंग की सुविधा दी जाती है।
पश्चिमी यूपी के छात्रों के लिए लाभप्रद
आईएमटीएस नोएडा के संस्थापक व उद्योगपति वरुण गुप्ता की ओर भारत की साक्षरता में सुधार के उद्देश्य से एक शानदार कदम उठाया है। उन्होंने 50 हजार से अधिक छात्रों को 100% ई-लर्निंग सुविधा प्रदान कर शिक्षित किया। दरअसल, आईएमटीएस ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों को शिक्षा के बारे में सभी जानकारी प्रदान कर डिजिटल शिक्षा से संबंधित सरकारी पहल का समर्थन कर रहा है। हाल ही में आयोजित एक इवेंट में वरुण ने आईएमटीएस को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय के आनलाइन पाठ्यक्रम में शुल्क पर छात्र बिना कालेज जाए सीख सकता है, साथ ही जरूरत पड़ने पर छात्र प्रोफेसरों से अपने डाउट आनलाइन आसानी से क्लीयर कर सकता है। ये शिक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों खासकर अलीगढ़, हाथरस व आगरा के छात्रों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है।
हजारों छात्रों को मिला रोजगार
आईएमटीएस आनलाइन का प्राथमिक विचार है कि प्रत्येक छात्र अपना निर्णय सही जानकारी के साथ ले सकें। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संस्थानों और कॉर्पोरेशन के सहयोग से आईएमटीएस ऑनलाइन विशेष पाठ्यक्रम पेश करने की योजना बना रहा है, जो बाजार और इंडस्ट्री-रिलेवेंट हैं। इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक नितिन गुप्ता के अनुसार आईएमटीएस इंस्टीट्यूट के टैलेंट पूल से 30,000 से अधिक छात्रों को रोजगार मिला है। IMTS के स्टूडेंट्स आईबीएम, एचसीएल, गूगल, बीएसएफ, सरकारी भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ, एसबीआई ईटीसी जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। वरुण 'शिक्षा का अधिकार' और 'सही-से-सही सूचना' के स्लोगन को लेकर आगे चल रहे हैं। 2005 में प्रसिद्ध समाचार चैनल से नौकरी छोड़ने के बाद वरुण ने आईएमटीएस शुरू किया। उनको शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने काम के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं। आईएमटीएस की स्थापना वरुण गुप्ता और नितिन गुप्ता ने एक स्वतंत्र और निष्पक्ष शिक्षा संस्थान के रूप में की थी।

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