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    कुंभकरण-मेघनाद के वध पर रोया रावण

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 08 Oct 2019 06:26 AM (IST)

    फोटो- 43-12- 69-68 हाथरस की रामलीला में सुलोचना के पास पहुंचा मेघनाद का कटा हाथ

    कुंभकरण-मेघनाद के वध पर रोया रावण

    संवाद सहयोगी, हाथरस : रामलीला महोत्सव में सोमवार को कुंभकरण और मेघनाद वध ने रावण को तोड़ दिया। वह फूट-फूटकर रोया, मगर अकड़ बरकरार रही।

    आचार्य कृष्णमुरारी व्यास ने बताया कि लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लाकर उनके प्राण बचा लेते हैं। इससे रामादल में उत्साह दोगुना हो जाता है।

    इस बीच शक्ति अर्जित करने के लिए मेघनाद गोपनीय जगह पर यज्ञ करने लगता है। मेघनाद रावण का ज्येष्ठ और सबसे प्रिय पुत्र था, जिसके कारण उसने दुबारा उसे युद्ध में भेजने से पहले कुंभकरण को जगाकर युद्ध के लिए भेजता है, मगर भगवान श्रीराम के हाथों पर मारा जाता है। अब अंतिम विकल्प मेघनाद बचता है। लक्ष्मण जी दुबारा उससे युद्ध करते हैं और इस बार उसकी भुजा काटते हैं जो रावण के राजमहल में जाकर उसकी पत्नी सुलोचना के पास गिरती है। वह भुजा ही उसके मारे जाने की बात लिखकर बताती है। यह भी बताती है कि उसका सिर लक्ष्मण के पास है। सुलोचना राम के पास आती है और राम से पति का शीश लेकर सती हो जाती है।

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    माखन चुराते पकड़े गये कृष्ण

    हाथरस के रामलीला बाड़े में सुबह हुई रासलीला में सोमवार को माखन चोरी लीला का मंचन किया गया। आचार्य कृष्णमुरारी व्यास बताते हैं कि कृष्ण माखन चुराने के लिए गोपियों के घरों में चोरी छुपे घुसते हैं। वहां पहले से ही घात लगाये बैठी गोपियां दबोच लेती हैं। उन्हे बांधकर यशोदा मैया के पास ले जाने लगती हैं मगर वे अपनी माया से स्वयं को स्वतंत्र कर गोपियों को ही आपस में बांध देते हैं। रासलीला में श्रीकृष्ण के जयकारे लगते हैं।

    सिकंदराराऊ में लक्ष्मण शक्ति :

    सिकंदराराऊ में लक्ष्मण और मेघनाद के युद्ध के दौरान लक्ष्मण को शक्ति लगती है। भाई को मूर्छित देख श्रीराम विलाप करते हैं जिससे पूरा रामादल शोक के सागर में डूब जाता है। हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने जाते हैं। उन्हें संजीवनी बूटी लाते देख दर्शक अचंभित हो गए।

    पुरदिलनगर में वन गमन : रामलीला मंचन में राम लक्ष्मण और सीता के वन गमन की लीला का मार्मिक मंचन किया गया। दर्शन भाव विभोर हो उठे। उनकी आखों से आसू बह चले।