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    Mumbai Train Incident: तबादले से परेशान चल रहा था चेतन, ASI से भी था तनाव; ताऊ बोले- मथुरा में हो रहा था इलाज

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 01 Aug 2023 08:59 AM (IST)

    Mumbai Train Incident जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में फायरिंग कर एएसआइ और तीन यात्रियों को मौत के घाट उतारने वाले आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन चौधरी का पैतृक निवास हाथरस के गांव मीतई में है। गांव में उसके चाचा-ताऊ के घर हैं। ताऊ भगवान सिंह की मानें तो वह अक्सर बाहर ही रहा है। अब घर भी मथुरा में है। डेढ़ वर्ष से गांव भी नहीं आया है।

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    तबादले से परेशान था चेतन, ASI से भी था तनाव; ताऊ बोले- मथुरा में हो रहा था इलाज

    जागरण संवाददाता, हाथरस : जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में फायरिंग कर एएसआइ और तीन यात्रियों को मौत के घाट उतारने वाले आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन चौधरी का पैतृक निवास हाथरस के गांव मीतई में है। गांव में उसके चाचा-ताऊ के घर हैं। ताऊ भगवान सिंह की मानें तो वह अक्सर बाहर ही रहा है। अब घर भी मथुरा में है। डेढ़ वर्ष से गांव भी नहीं आया है।

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    ताऊ का आरोप है कि चेतन अधिकारियों के बर्ताव से मानसिक रूप से परेशान था। घटना में मृत एएसआइ से भी चेतन की टेंशन थी। भाई लोकेश ने बताया कि चेतन राष्ट्रीय स्तर का फुटबाल का खिलाड़ी रहा है। चेतन के पिता बच्चू सिंह आरपीएफ में एएसआइ थे।

    पिता की जगह मिली थी आरोपित को नौकरी

    बच्चू सिंह ने मध्य प्रदेश के रतलाम में मकान बनाया था। 2007 में ड्यूटी पर हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 2009 में मृतक आश्रित में चेतन चौधरी की नौकरी लग गई। 2013 में उसकी शादी हो गई। उसका बेटा नौ वर्षीय सारांश, सात वर्षीय बेटी काव्या है।

    जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सफर कर रहे प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरपीएफ कांस्टेबल चेतन ने गोलीबारी की शुरुआत थर्ड एसी के बी-5 कोच से की। वहां उसने अपने एएसआइ टीकाराम और एक अन्य यात्री पर फायरिंग की फिर वह एसी के बाकी कोचों को पार करते हुए पैंट्री कार में पहुंचा और वहां एक व्यक्ति को मारा।

    उसके बाद वह एस-6 कोच में पहुंचा और एक और व्यक्ति की हत्या कर दी। चेतन ने कुल 12 राउंड फायरिंग की। इस दौरान ज्यादातर यात्री सो रहे थे। गोलियां चलने की आवाज सुनकर ट्रेन के इन सभी कोचों में भगदड़ मच गई थी। दहिसर रेलवे स्टेशन के नजदीक पहुंचने पर चेतन ने ट्रेन की चेन खींचकर भागने की कोशिश की। लेकिन जीआरपी ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    आरोपित से की गई पूछताछ

    गिरफ्तारी के बाद चेतन को अगले स्टेशन बोरीवली लाया गया और उससे पूछताछ की गई। ट्रेनों को एस्कार्ट करने के लिए टीकाराम आरपीएफ के तीन जवानों के साथ रविवार को एक ट्रेन से सूरत गए थे। सूरत से इसी टीम की वापसी जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस से हो रही थी।

    पुलिस आरपीएफ के उन दो सिपाहियों से भी पूछताछ कर रही है जो टीकाराम एवं चेतन के साथ इस टीम में शामिल थे। आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि चेतन का स्थानांतरण हाल ही में गुजरात से मुंबई हुआ था और उसे अपने काम से कोई शिकायत नहीं थी।

    पश्चिम रेलवे के पीआरओ सुमित ठाकुर के अनुसार, मारे गए एएसआइ टीकाराम एवं अन्य मृतक यात्रियों को रेलवे के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीकाराम के स्वजन के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है।