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    Hathras Weather : अक्‍टूबर में सावनी फुहारों ने फिजाओं में घोली ठंडक, मौसम के मिजाज से किसान नाखुश

    By Jagran NewsEdited By: Anil Kushwaha
    Updated: Sat, 08 Oct 2022 11:23 AM (IST)

    Hathras Weather हाथरस में शुक्रवार को दिनभर रुक रुक बरसात होती रही जिससे मौसम में ठंडक घुल गयी। बता दें कि पिछले चार दिनों से जिले में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। तापमान में गिरावट होने से सर्दी जल्‍दी आने के संकेत मिलने लगे हैं।

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    हाथरस में रूक रूक हो रही वर्षा से मौसम में ठंडक घुल गयी है।

    हाथरस, जागरण संवाददाता। Hathras Weather :  शुक्रवार से हल्की बूंदाबांदी से दिन की शुरुआत हुई जो शाम तक रुक-रुककर जारी रही। बादलों के छाए रहने और ठंडी हवा चलने से तापमान में गिरावट आ गई सर्दी आने की आहट भी हो गई। पिछले चार दिन से जिले में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। शुक्रवार को सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। इसके बाद बादल छाए रहे। दोपहर के समय रिमझिम बरसात शुरू हो गई। शाम को कुछ राहत मिली जिससे बाजारों में रौनक बढ़ी मगर बादलों के छाए रहने से रुक रुककर बूंदाबांदी होती रही। तापमान में गिरावट होने से सर्दी जल्दी आने के संकेत मिलने लगे हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 23 डिग्री था। चार दिन के अंदर अधिकतम तापमान में छह डिग्री की गिरावट के साथ 28 व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहा। सादाबाद, सिकंदराराऊ, सासनी क्षेत्रों में भी कहीं हल्की तो कहीं झमाझम बरसात हुई। कृषि उपनिदेशक हंसराज सिंह ने बताया कि अभी हल्की बरसात है। अधिक बरसात होने पर पकी खड़ी फसलों को नुकसान है।

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    मंडी में भीगी धान की फसल

    इन दिनों मंडी समिति हाथरस में धान की फसल आ रही है। इससे मंडी की सड़कें तक अटी पड़ी हैं। सिकंदराराऊ, हसायन, सासनी, सादाबाद के अलावा आगरा, एटा, अलीगढ़ व कासगंज के समीपवर्ती इलाकों से भी मंडी में धान की फसल पहुंच रही है। दोपहर के समय बरसात होने से कई जगह धान की फसल भीग गई। इसे तिरपालों से ढकना पड़ा।

    यह भी पढ़ें : UP Weather Update: बादलों ने बढ़ाई हवाओं में ठंडक, पश्चिमी और उत्तरी जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

    मौसम से बढ़ी किसानों की चिंता

    बिगड़े मौसम से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में किसानों की धान की फसल कटी पड़ी है। बारिश से फसल भीगने का डर बना हुआ है। उधर, किसान धान लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं। धान भीगने से किसानों को भारी क्षति हो सकती है।