अवैध शराब के मुनाफाखोर, तोड़ रहे जिदगी की डोर
अवैध शराब की का कारोबार सिकंदराराऊ क्षेत्र में मिलावटी शराब बनाने के कई ठिकाने आसपास के जनपदों में होती है सप्लाई।
योगेश शर्मा, हाथरस : सरकारी सिस्टम अवैध शराब के कारोबारियों की पहले ही कमर तोड़ देता तो शायद छह घरों में बुधवार में मातम न पसरा होता। कुंभकरणी नींद में सोया प्रशासन तब जागा जब छह जिदगियों की डोर अवैध शराब के मुनाफाखोर तोड़ चुके थे।
शराब का अवैध कारोबार हाथरस के तमाम इलाकों में फैला हुआ है। हर दूसरे गांव में अवैध धंधा मिल जाएगा। अवैध कारोबार पुलिस और आबकारी विभाग के आशीर्वाद से फल-फूल रहा है। सिकंदराराऊ ब्लाक क्षेत्र अवैध शराब की मंडी बन चुका है। क्षेत्र के कई गांवों में शराब की भट्ठियां चलती हैं और शराब की सप्लाई आसपास के कई जनपदों में हो रही है।
गांवों अवैध कारोबार : जनपद के हर दूसरे गांव में चाय के खोखे से लेकर पान की दुकानों तक पर शराब की अवैध बिक्री धड़ल्ले से होती है। हाथरस गेट का नगला सिघी का नाम तो तब सामने आया जब छह जानें चली गईं। पुलिस और आबकारी विभाग को सब पता होता है कि अवैध शराब कहां कहां बेची जा रही है। मालूम होते हुए भी चंद सिक्कों के लोभ में खामोश रहते हैं। अभियान का फरमान आने पर दिखावे की कार्रवाई होती है। जेले से आते ही धंधा शुरू :
सिकंदराराऊ के गांव बसई बाबस, डंडेसरी, गिहारा बस्ती में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से होता है। इन गांवों के दर्जनों लोगों को पुलिस कई बार लहन से शराब बनाने के आरोप में जेल भेज चुकी है, मगर अवैध कारोबार वाले जेल से छूटने के बाद फिर काम शुरू कर देते हैं। इन गांवों से अलीगढ़, कासगंज और एटा तक के लिए शराब की सप्लाई होती है। तालमेल का अभाव : हकीकत तो यह है कि जिस आबकारी विभाग में शराब के अवैध कारोबार रोकने की जिम्मेदारी है, वे संसाधनों के कारण लाचार है। न गाड़ी, न हथियार। कैसे करें छापेमारी। मगर जहां संसाधन हैं यानी पुलिस के पास, वह अवैध शराब पकड़ने की जानकारी आबकारी विभाग को तब देता है जब पूरी लिखा-पढ़ी हो गई होती है या फिर शराब की जांच के लिए प्रयोगशाला को नमूने भेजने हों। इसी तालमेल के अभाव का शराब तस्कर फायदा भी उठा रहे हैं। मौतों के बाद शुरू की छापेमारी
छह लोगों की मौत के बाद आबकारी और पुलिस की फिर नींद टूटी। शाम होते ही शराब की दुकानों, होटल, ढाबों से चेकिग अभियान शुरू कर दिया गया। सादाबाद से लेकर सिकंदराराऊ तक, सासनी से लेकर मुरसान तक पुलिस की छापेमारी शुरू हो गई है। चेकिग में सब कुछ ठीक-ठाक मिला है। वर्जन
अवैध शराब के कारोबार को लेकर आबकारी विभाग लगातार अभियान चलाता रहता है। होली से लेकर चुनाव तक लगातार अभियान चलाए गए थे। सभी टीमों को एक्टिव कर चेकिग भी कराई गई थी। चेकिग अभियान जारी है। तमाम बार लोगों को विभाग जेल भी भेज चुका है।
सुबोध कुमार श्रीवास्तव, जिला आबकारी अधिकारी हाथरस।