Hathras Stampede Case: सत्संग में हुई भगदड़ मामले में मुकदमे की सुनवाई शुरू, गवाहों के बयान दर्ज
हाथरस में सूरजपाल के सत्संग में हुई भगदड़ के मामले में जिसमें 121 लोगों की जान गई थी मुकदमे का ट्रायल शुरू हो गया है। कोर्ट में वादी ब्रजेश पांडेय के बयान दर्ज किए गए। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। पुलिस ने 11 आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिन्होंने अनुमति से अधिक लोगों को इकट्ठा किया और भगदड़ के दौरान सहयोग नहीं किया।
जागरण संवाददाता, हाथरस। सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मामले में 11 सेवादारों पर पर आरोप तय हो जाने के बाद मुकदमे का ट्रायल शुरू हो गया है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक महेंद्र श्रीवास्तव के न्यायालय में सोमवार को सुनवाई के दौरान मुकदमे के वादी और तत्कालीन पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय के बयान दर्ज किए गए। बयानों के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। जिरह अभी जारी है। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 28 अगस्त तय की है।
दो जुलाई 2024 को सिकंदराराऊ में हाईवे से लगते गांव फुलरई मुगलगढ़ी के खेतों में सत्संग का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की स्वीकृत लेते समय 80 हजार श्रद्धालुओं की व्यवस्था बताई गई थी, मगर, इसमें करोब डेढ़ लाख से अधिक लोग शामिल हुए। सत्संग समाप्त होने के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 250 लोग घायल हुए थे।
28 अगस्त को होगी इस मामले की अगली सुनवाई
पुलिस ने 11 आयोजक और सेवादारों को गिरफ्तार किया था। इनमें देवप्रकाश मधुकर, उपेंद्र यादव, मेघसिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार, मंजू देवी, राम लड़ैते यादव, रामप्रकाश शाक्य, संजू यादव, दुरवेश कुमार, दलवीर पाल शामिल हैं। इनमें पांच हाथरस के, एटा-एक फिरोबाद व एटा के और चार मैनपुरी के हैं। इनके खिलाफ दो अक्टूबर 2024 को 3200 पेज का आरोप पत्र हाथरस न्यायालय में दाखिल किया गया। 700 लोगों को गवाह बनाया गया।
तत्कालीन पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय ने दर्ज कराया था अभियाेग
हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक महेंद्र श्रीवास्तव के न्यायालय में इसकी सुनवाई चल रही है। छह अगस्त को 11 सेवादारों पर आरोप तय कर दिए गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि मुकदमे के वादी उपनिरीक्षक ब्रजेश पांडेय की गवाही हो गई है। उनकी ओर से जिरह की गई है। जिरह अभी जारी है। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 28 अगस्त तय की है।
मुकदमे में आयोजकों को ठहराया गया जिम्मेदार
तत्कालीन चौकी प्रभारी पोरा ब्रजेश पांडेय द्वारा दर्ज कराए मुकदमे में कहा गया है कि आयोजनकर्ताओं ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए करीब 80 हजार की भीड इकट्ठा होने की अनुमति मांगी। अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया।
जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया। सूरजपाल प्रवचन के बाद गाड़ी में सवार हाेकर कार्यक्रम स्थल से निकले। तभी महिला, पुरुष व बच्चों द्वारा उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। लाखों की भीड़ के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालु दबने कुचलने लगे और भगदड़ मच गई।
आयोजन समिति एवं सेवादारों ने अपने डंडों से भीड़ को जबरन रोक दिया गया
आयोजन समिति एवं सेवादारों ने अपने डंडों से भीड़ को जबरन रोक दिया गया। इसके कारण भीड का दवाब बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए। पुलिस-प्रशासनिक के टीम द्वारा घायल व्यक्तियों को उपलब्ध संसाधनों से अस्पताल भिजवाया गया, आयोजनकर्ताओं एवं सेवादारों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया।
भीड़ से कुचले श्रद्धालुओं के मौके पर छूटे सामान, कपड़े, जूते-चप्पल को उठाकर निकटवर्ती खेत में फसल में फेककर साक्ष्य छिपाया गया। आयोजकों एवं सेवादारों के कृत्य से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।