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    Hathras Case: हाथरस सत्संग हादसे में कहां तक पहुंची जांच? ये रही लेटेस्ट अपडेट, DM-SP से भी हो सकती है पूछताछ

    Updated: Fri, 05 Jul 2024 11:01 AM (IST)

    हाथरस सत्संग हादसे (Hathras Satsang Case) की जांच पर सभी की नजरें हैं। अब तक 70 लोगों को बयान दर्ज किए जा चुके हैं। करीब 50 लोगों के बयान और दर्ज किए जाने है। जांच के लिए सीएम योगी ने विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित किया है। इस मामले में एसआइटी डीएम और एसपी से भी पूछताछ कर सकती है।

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    हाथरस सत्संग हादसे के बाद पूछताछ करती पुलिस। जागरण

    जागरण संवाददाता, हाथरस। सिकंदराराऊ में सत्संग के बाद भगदड़ की घटना की जांच पर अब सबकी नजर है। इस घटना की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यानाथ ने विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित किया है। इसमें एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ और कमिश्नर चैत्रा बी शामिल हैं। एसआइटी ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। अब तक 70 लोगों को बयान दर्ज किए जा चुके हैं। करीब 50 लोगों के बयान और दर्ज किए जाने है। एसआइटी जांच रिपोर्ट जल्द ही मुख्य सचिव के लिए प्रेषित करेगी।

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    सिकंदराराऊ में मुगलगढ़ी फुलरई में दो जुलाई के हुए साकार विश्व हरि के सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हुई है। दो जुलाई की शाम को ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार हाथरस पहुंच गए थे। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया था। इधर तीन जुलाई को सीएम योगी आदित्यानाथ हाथरस आए थे। उन्होंने चार घंटे यहां डेरा जमाया। हर पहलू पर जानकारी की। अधिकारियो के साथ बैठक की।

    घटना के पीछे आखिर जिम्मेदार कौन?

    अब सवाल इस बात पर उठ रहा है कि इस घटना के पीछे आखिर जिम्मेदार कौन है। सीएम ने इसकी जांच के लिए एसअाइटी बनाई। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त अलीगढ़ चैत्रा बी को जांच के निर्देश दिए। शाम से ही टीम ने काम शुरू कर दिया। सबसे पहले एसडीएम रवेंद्र कुमार और सीओ डा. आनंद कुमार के बयान हुए।

    सबसे पहले यह प्रारूप तैयार किया गया, जिसमें तय किया गया कि किन लोगों के बयान होने हैं। उन सभी की सूची बनाकर उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए समय तय किया गया। कुल 132 लोगों को गवाह बनाया गया है। उन्हें नोटिस भी भेजा गया। गुरुवार को जांच का दायरा और बढ़ा। एसडीएम सिकंदराराऊ को फिर से बयान के लिए बुलाया गया।

    उनसे दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। इसके साथ ही कई मीडियाकर्मियो को भी बयान के लिए बुलाया गया। इनमें वह लोग शामिल हैं जो घटनास्थल पर मौजूद थे और पुलिस को इसकी सूचना दी थी। इसके साथ ही डाक्टर, घायल, मृतकों के स्वजन और चश्मदीद शामिल हैं। एसडीएम, सीआे साथ-साथ कुल 70 लोगों के बयान गुरुवार को दर्ज किए गए हैं।

    डीएम-एसपी से भी हो सकती है पूछताछ

    इस प्रकरण में अनुमति को लेकर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर अनुमति 80 हजार लोगों की थी तो वहां सुरक्षा के क्या इंतजाम थे। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, आपात कालीन सेवाएं, पेयजल, ट्रैफिक व्यवस्था समेत कई पहुलओं को लेकर प्रशासन ने क्या तैयारी की थी। इसको लेकर एसआइटी डीएम और एसपी से भी पूछताछ कर सकती है। हालांकि गुरुवार तक उनसे पूछताछ नहीं हुई थी।

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