हाथरस में 15 साल की लड़की के दुष्कर्मी को 10 साल की जेल, कोर्ट ने पांच साल बाद सुनाया फैसला
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में पांच वर्ष पूर्व एक 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी सीटू को 10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। सीटू की मां को धमकी देने के मामले में एक वर्ष का कारावास हुआ है। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम चित्रा शर्मा के न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। पीड़िता के भाई ने 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया गया था।

जागरण संवाददाता, हाथरस। पांच वर्ष पूर्व सिकंदराराऊ क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोरी से हुए दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित को न्यायालय ने दोषी माना है। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम चित्रा शर्मा के न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। धमकी देने के मामले में उसकी मां को भी एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी एडीजीसी त्रिलोक शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि थाना सिकंदराराऊ में किशोरी के भाई ने तहरीर दी थी। इसमें कहा कि 12 सितंबर 2020 को तड़के करीब साढ़े पांच बजे उसकी बहन नल पर सीटू के घर के सामने पानी भरने गई थी।
तभी सीटू आया और मेरी बहन को पीछे से आकर पकड़ लिया। घर के कमरे में ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के शोर मचाने पर गांव के अन्य लोग आ गए। शोर शराबा सुनकर पीड़िता का भाई भी पहुंचा। सीटू ने दरवाजा नहीं खोला। उसने धमकी दी कि अगर रिपोर्ट दर्ज कराई तो जान से मार देगा। उसकी मां ने कहा कि अगर गवाही दी तो जान से मार दूंगी।
पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम चित्रा शर्मा के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने सीटू को दुष्कर्म के आरोप में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
उसकी मां को जान से मारने की धमकी देने के मामले में एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषियों पर 18 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

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