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    गोकुला जाट की जन्मस्थली को विकास की दरकार

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2021 01:13 AM (IST)

    जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में तकनीकी शिक्षा पा सकेंगे ग्रामीण बचे मेहरबानी की जरूरत।

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    गोकुला जाट की जन्मस्थली को विकास की दरकार

    संसू, हाथरस : सादाबाद क्षेत्र का गांव बिसावर शहीद गोकुल सिंह की शौर्य गाथा को समेटे हुए है। वहीं चांदी और गिलट के घुंघरू उद्योग के नाम से जाना जाता है। जनपद की सबसे बड़ी पंचायत में मूलभूत सुविधाएं काफी हद तक लोगों को मिली हैं फिर जलनिकासी जैसी समस्याएं लोगों को परेशान करती हैं। यहां आइटीआइ निर्माणाधीन है। यहां के लोगों की शासन-प्रशासन से मांग है कि देश के इन अनमोल सपूतों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ग्राम पंचायत में वीर गोकुला की विशाल प्रतिमा, स्मारक और संग्रहालय बनाया जाए, जिससे भावी पीढ़ी को उनके आदर्श से सीख मिल सके।

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    भौगोलिक स्थिति : तहसील सादाबाद का गांव बिसावर क्षेत्रफल की ²ष्टि से जनपद की सबसे बड़ी पंचायत मानी जाती है। पंचायत क्षेत्र का राजस्व गांव बिसावर है, यहां अच्छा खासा बाजार है। इसके अलावा प्रमुख घुंघरू उद्योग है जहां चांदी तथा गिलट के घुंघरू बनाए जाते हैं। गांव में प्रमुख स्थल के रूप में चांदी के कारखाने, पैंठ बाजार, पंचायत घर, बिहारी जी मंदिर, मंडी समिति मार्केट, वित्त पोषित इंटर कॉलेज, वित्त पोषित कृषि इंटर कॉलेज, वित्त पोषित महाविद्यालय के अलावा कई वित्तविहीन इंटर तथा हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ परिषदीय विद्यालय खासी संख्या में हैं। इसके अलावा डाकघर, तीन बैंक शाखाएं, पुलिस चौकी भी है। गांव के विकास की बात करें तो मौजूदा ग्राम पंचायत के सभी 20 गांवों को विकास से संतृप्त किया है। पंचायत घर का पुनर्निर्माण पेयजल के लिए हैंडपंप, प्रधान के प्रयास से ही कई प्रमुख मार्गों का भी निर्माण हुआ है। गांव की प्रमुख समस्याएं

    चारों तरफ पोखर ओवरफ्लो सड़कों पर आता है पानी

    बंदरों का जबरदस्त आतंक

    ग्राम समाज की भूमि पर कब्जे

    पोखरों पर अतिक्रमण

    कई गांव में कीचड़युक्त रास्ता

    शौर्य गाथा

    बिसावर ग्राम पंचायत के रणबांकुरों ने भी अपने शौर्य व पराक्रम से इतिहास में अपना परचम लहराया है। ग्राम-पंचायत बिसावर के तत्कालीन गांव तिलपत गढ़ी, वर्तमान ग्राम-तिल्हू के एक साधारण किसान गोकुला जाट ने जब हल छोड़ तलवार उठाई तो औरंगजेब को चने चबवा दिए थे। वहीं नगला धोकला के लाल धर्मेंद्र सिंह ने कारगिल युद्ध में अपने पराक्रम से दुश्मन देश पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। अंत में भारत माता की रक्षा करते हुए धर्मेंद्र वीरगति को प्राप्त हुए।

    बोले ग्रामीण

    गांव में विकास कार्य भी हुए हैं लेकिन समस्याएं भी हैं। एक साथ सभी को संतृप्त नहीं किया जा सकता फिर भी विकास को लेकर बेहतर प्रयास किए गए हैं और वह प्रयास सार्थक भी साबित हुए हैं।

    -जगबीर सिंह(टीटी) जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के कारण यहां गांव अधिक हैं लेकिन कोई कितना भी प्रयास कर ले समुचित विकास नहीं किया जा सकता। समस्याएं बाकी रह जाती हैं।

    -विनोद चौधरी (गुड्डू) क्षेत्र की शान रहे शहीद वीरवर गोकुल सिंह का स्मारक तथा संग्रहालय बनवाने के लिए कई बार कहा गया लेकिन यह अभी तक संभव नहीं हो सका है। विकास परियोजनाओं का भी सही प्रकार से क्रियान्वयन नहीं हुआ।

    -चौ.मनोज पंसारी बिसावर में जल निकासी का समुचित प्रबंध नहीं है। गंदगी का आलम बना हुआ है। विधवा तथा दिव्यांग की पेंशन नहीं बन सकी है। कई गांवों के रास्ते कीचड़युक्त हैं। युवाओं के लिए खेल का मैदान नहीं है। बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।

    -जगवेन्द्र चौधरी, दूसरे नंबर पर रहे प्रधान प्रत्याशी प्रधान बनने के उपरांत भेदभाव रहित होकर सम्मान सहित पूरी पंचायत में पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया गया था। पूरी पंचायत क्षेत्र को संतृप्त नहीं किया जा सकता। जो कोशिश की गई वह अधिकांश सार्थक रही है।

    -चौ.विजयपाल सिंह, निवर्तमान प्रधान

    आंकड़े

    -क्षेत्रफल 1824.22 हेक्टेयर

    -जनसंख्या 19263

    -परिवार 3211

    -मतदाता 14,650 है

    -पुरुष 8540

    -महिला 6110