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    खून के आंसू रुला रही बेमौसम की बारिश

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 06 Mar 2020 12:53 AM (IST)

    बुधवार रात तेज आंधी के साथ आई बारिश से खेतों में बिछ गई गेहूं व सरसों की फसल तबाही का मंजर देहात क्षेत्र में खेतों में पानी भरने से एक बार फिर रुकी आलू की खोदाई शीतगृह में भंडारण को भेज रहे थे आलू खेत में सड़ा तो भारी क्षति होगी

    खून के आंसू रुला रही बेमौसम की बारिश

    जागरण टीम, हाथरस : बेमौसम की बारिश और आंधी किसानों को तबाह कर रही है। एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार कुदरत का कहर टूटने से किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। आलू की खोदाई रुक गई है और उसके सड़ने की अंदेशा है तो सरसों और गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। तिसपर बादलों की गड़गड़ाहट किसानों की धड़कन बढ़ा रहा है।

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    एक सप्ताह से बारिश ने किसानों की नाक में दम कर रखा है। हफ्ते भर के भीतर बुधवार रात दुबारा बारिश ने किसानों को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया। शाम को बूंदाबांदी के बाद रात करीब दस बजे कुदरत का रौद्र रूप किसानों को कंपा दिया। सारी रात बारिश होती रही। आंधी के साथ हुई बारिश से खेतों में गेहूं व सरसों की फसल बिछ गई है। सबसे अधिक नुकसान बिसावर क्षेत्र में हुआ है। बिसावर के अलावा पचावरी, भुर्रका, बिलारा, गढ़ उमराव, जटोई, गहचौली, गुखरौली, मिढ़ावली, नौपुरा, नानऊ, अभयपुरा, मई, कंजौली, जारऊ, गीगला, कुरसंडा, गुरसौटी, विधिपुर, टिकैत, आरोठा, विजना, नगला पृथ्वी, नगला छत्ती, बिलारा, तिल्हू चहत्तर, नगला शेखा, नगला मदारी आदि में भारी तबाही हुई है। अपने खून-पसीने से सींची फसलों को बर्बाद देख किसान बदहवास हो गए। सासनी व सिकंदराराऊ क्षेत्र में भी लगभग ऐसे ही हालात हैं। बंद हो गई आलू की खोदाई

    बारिश से सबसे अधिक नुकसान सरसों व आलू की फसल को हो रहा है। खेतों में बिछ जाने से गेहूं व सरसों की फसल सड़ने लगी है। साथ ही इससे फसलों का विकास रुकने से पैदावार भी कम होगी। आंधी, तूफान व ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश से खेतों में जलभराव हो गया है। इससे खेतों में खुदा पड़ा आलू सड़ने लगा है। साथ ही आलू की खोदाई का कार्य भी करीब एक सप्ताह के लिए रुक गया है। बिसावर के ग्राम प्रधान चौ. विजयपाल सिंह ने सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग उपजिलाधिकारी से की है। इनका कहना है

    असमय हो रही बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इससे फसलों का कर्ज चुकाना तो दूर रोटी के भी लाले पड़ रहे हैं।

    -शिवराज सिह, किसान, नगला गूलर आंधी व बारिश के चलते गेहूं, आलू, सरसों की फसल 80 फीसद खराब हो गई है। अब लाखों रुपये का कर्जा कैसे चुकाएंगे। रोटी की चिता सताने लगी है।

    -केशव सिह, नगला छत्ती बेमौसम की बारिश व आंधी से किसानों के सामने आíथक संकट छा गया है। सरकार को किसानों का दर्द समझते हुए आíथक सहायता देनी चाहिए।

    -वीरवती देवी, नगला पृथ्वी

    शहर में हुआ जलभराव

    बुधवार की रात्रि हुई बारिश के चलते शहर में कई जगह जलभराव हो गया। इसमें बिजली कॉटन मिल स्थित रेलवे के क्रॉसिग गेट के पास, मंडी समिति रोड, मुरसान गेट, लाला नगला, खंदारीगढ़ी आदि क्षेत्रों में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया। यह जलभराव नालियों के चोक होने से हुआ था।

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