मुंह की सफाई दूर रखेगी बहुत सी बीमारी
-डॉ. संचित खंडेलवाल ने दांत रोग संबंधी समस्याओं पर पाठकों को दिया परामर्श
जागरण संवाददाता, हाथरस: दांतों के पीलेपन, सांसों से बदबू, पायरिया आदि की समस्या से बचना है तो मुंह की ठीक से सफाई रखें। रात में ब्रश करके सोना चाहिए। दांतों पर पीली परत न पड़ने दें, इससे पारिया हो सकता है, जल्द दांत गिर सकते हैं। हेलो जागरण कार्यक्रम में आए खेतान हॉस्पिटल के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. संचित खंडेलवाल ने फोन पर पाठकों को दांतों की सेहत से संबंधित परामर्श दिया। पेश हैं कुछ सवाल-जवाब..।
मेरी उम्र 52 साल है। दांतों में घिसाव आ गया है। ठंडा व गर्म लगता है।
ओवेंद्र कुमार, नवीपुर खुर्द
गलत तरीके से ब्रश करने से भी दांत घिस जाते हैं। रगड़कर ब्रश करने से मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पीला पन एक दिन में दूर नहीं हो सकता। एक बार डेंटिस्ट को दिखालें।
मेरे बेटे की उम्र 11 साल है। हिल रहा दांत गिरने से पहले ही नया दांत आ गया। यह दांत पीछे आया है।
मनीषेश्वर उपाध्याय, हसायन
यह चिता का विषय नहीं है। बढ़ती उम्र पर दांत अपने आप अपनी जगह बना लेगा। किशोर अवस्था के बाद भी दांत अपनी जगह नहीं आता है तो ट्रीटमेंट लेना बेहतर होगा।
मेरे बेटे की उम्र सात वर्ष है। तीन महीने पहले दांत टूटा था, लेकिन अभी तक नहीं आया है।
विनय जैन, हाथरस कुछ बच्चों के दांत आने में समय लगता है। इसमें समस्या वाली बात नहीं है। मसूड़ों से कड़ी चीजें खिलाएं। इससे दांत जल्दी आएंगे। पान मसाला खाने की वजह से पीलापन जम गया है। ब्रश करने के बाद भी नहीं हटता। क्या करना चाहिए?
आशीष सिघल, बालापट्टी दांतों का पीलापन दो तरह का होता है। ऊपरी लेयर का पीलापन साधारण घिसाई से हट जाता है। यदि दांत की पहली परत के अंदर पीलापन पहुंच जाए तो उसके लिए ब्लीचिग विधि अपनानी पड़ती है। पान मसाला छोड़ दें तथा व्हाइटनिग पेस्ट का प्रयोग करें। इससे फर्क पड़ेगा। पिछले कई महीनों से दांतों में ठंडा व गर्म लगता है। दर्द की वजह से खाने में भी दिक्कत होती है।
पिटू सिंह, नवल नगर पहले उंगली से दांतों पर पेस्ट लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद हल्के हाथ से ब्रश करें। आराम मिलेगा। दिक्कत दूर न होने पर डेंटिस्ट को दिखाएं। मेरी उम्र 51 वर्ष है। दो दांतों में पस निकलने की समस्या थी। अब पस तो बंद हो गया है, लेकिन दर्द होता है।
जगदीश प्रसाद, सिकंदराराऊ पस निकलने का मतलब है कि जड़ तक दिक्कत है। पस बंद होने का अर्थ यह नहीं कि दिक्कत दूर हो गई हो। इसलिए डेंटिस्ट को दिखा लें। एक्स-रे से पता चलेगा कि दिक्कत क्या है तथा कितनी बड़ी है। जब तक गुनगुने पानी से कुल्ला कर मुंह की सफाई रखें। मसूड़ों से खून निकलता है। बदबू भी आती है। दो साल से इस समस्या से पीड़ित हूं।
सुनील कुमार, गढ़ी तमना
मसूड़ों से खून व मुंह से बदबू आना पायरिया के संकेत हैं। चिकित्सक को दिखाने में देरी न करें। मुंह की सफाई रखें। गुनगुने पानी से कुल्ला करें। इन्होंने भी पूछे सवाल
हाथरस से शिखा खंडेलवाल, बिसावर से फूल सिंह, सिकंदराराऊ से रवेंद्र कुमार, विष्णु शर्मा, रविद्र प्रताप सिंह, अजय गोस्वामी ने कॉल कर अपनी समस्याओं के समाधान जाने।
इन बातों का रखें ख्याल
-नियमित दो बार ब्रश करें। रात को सोते समय ब्रश जरूर करें।
-खूब पानी पीएं। यह प्राकृतिक माउथवाश का काम करता है तथा गंदगी नहीं जमने देता।
-ब्रश का चयन संभल कर करें तथा ब्रश करने का सही तरीका सीखें।
-दांतों के साथ-साथ जीभी की भी सफाई करें। जीभ पर भी बेक्टेरिया पनपते हैं, जो दुर्गंध की वजह बनते हैं।
-खाना खाने के बाद पानी में नींबू मिलाकर कुल्ला करें। इससे दातों पर पीली परत नहीं जमेगी।
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