चंद घंटे में बिक गई 91 लाख की शराब
जागरण एक्सक्लूसिव 128 कुल दुकानें हैं जनपद में 51 देसी शराब की दुकानें हैं पूरे जिले में 34 अंग्रेजी शराब की दुकानें हैं संचालित 28 बीयर की दुकानें हैं पूरे जनपद में सब हेड करीब तीन हजार पेटी अंग्रेजी देसी और बीयर की हुई बिक्री हकीकत
हिमांशु गुप्ता हाथरस : लॉकडाउन के कारण करीब डेढ़ माह बाद खुलीं शराब की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ रही। ऐसा नजारा शायद ही पहले कभी देखा गया है। अधिकारियों की मानें तो चंद घंटे में 90 लाख रुपये की शराब बिक गई। दुकानों पर स्टॉक खत्म हो गया है।
25 मार्च से हाथरस में शराब की दुकानें बंद हैं। पीने के शौकीन शराब के लिए बहुत परेशान थे। एक दिन पहले जैसे ही शराब की बिक्री के आदेश हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। सुबह तय समय से पहले ही ठेकों के बाहर जबरदस्त भीड़ थी। कई घंटे देर से ज्यादातर ठेकों पर 12 बजे के बाद शराब की बिक्री शुरू हुई। ठेकों पर सैकड़ों लोगों की लंबी लाइनें थीं। न शारीरिक दूरी का ख्याल था न हीं धूप से बेचैनी। हर कोई शराब की चाह में था। जिसे भी शराब या बीयर मिली उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। आबकारी अधिकारी के अनुसार हाथरस जिले में सोमवार को 91 लाख के करीब की शराब की बिक्री हुई।
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आखिर कहां गया दुकानों का माल ?
अचानक हुई लॉकडाउन की घोषणा के बाद जिलेभर की दुकानों में हजारों पेटी शराब रखी हुई थी। डेढ़ माह बाद जब दुकानें खुलीं तो ज्यादातर ठेकों पर माल नहीं था। दोपहर बाद स्टॉक आने के बाद वहां शराब की बिक्री शुरू हो सकी। ऐसे में सवाल उठाता है कि आखिर यह शराब कहां गई। सूत्रों की मानें तो पुलिस की मिलीभगत से लॉकडाउन के बीच शराब विक्रेताओं ने जमकर चांदी कांटी हैं। शराब की खूब कालाबाजारी हुई है। हसायन क्षेत्र से तो जगह-जगह शराब की सप्लाई की गई। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। हाथरस शहर में भी एक दर्जन जगहों पर अवैध रूप से शराब की बिक्री हुई। विभाग के अनुसार हाथरस में 2500 पेटी देशी, अंग्रेजी, बीयर का स्टॉक दुकानें में था। सोमवार सुबह जब दुकानें खुलीं तो ज्यादातर दुकानें खाली थीं। वहीं 1500 पेटी शराब गोदाम में थी, जिनमें से गोदाम से सोमवार 400 पेटी अंग्रेजी शराब और बीयर की निकासी हुई है। सोमवार को 1400 पेटी अंग्रेजी, 1100 पेटी देशी और 400 पेटी बीयर की सेल दर्शायी गई है। जबकि हकीकत में देशी शराब की बिक्री न के बराबर हुई। अंग्रेजी और बीयर की दुकानों पर दोपहर को सेल शुरू हुई जो कि चंद घंटों में खत्म हो गई। ऐसे में साफ है कि लॉकडाउन के बीच खूब कालाबाजारी की गई है।
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इनका कहना है -
दुकानों पर कालाबाजारी जैसी कोई बात नहीं है। सोमवार को रिकॉर्ड बिक्री की गई है। दुकानों पर सुबह से ही जबरदस्त भीड़ थी। चूंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला था इसलिए 24 मार्च की रात्रि में बंद के दौरान कुछ स्टॉक ही बचा था।
- सुबोध कुमार, जिला आबकारी अधिकारी, हाथरस।
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बॉक्स - ठेकों को खोलने पर पुनर्विचार की मांग
जासं, हाथरस: एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वाष्र्णेय ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र ईमेल कर शराब के ठेकों के खोलने पर पुनर्विचार की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के कारण आम आदमी की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। शराब के ठेके खुलने से गरीब परिवारों में झगड़े शुरू हो जाएंगे। शराब की लत के कारण व्यक्ति घर अपना शौक पूरा करेगा और परिवार में खाने को कुछ नहीं लाएगा। यह निर्णय जनहित में नहीं है। -------------- लाठीचार्ज की खबर का वर्जन लाठीचार्ज नहीं किया गया है। खरीदार शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे। इसका पालन कराने के लिए पुलिस ने लाठी का भय दिखाया होगा ताकि लोग लाइन में लगे रहें।
सिद्धार्थ वर्मा, एएसपी हाथरस
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