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    गांव में सट्टा और जुआ खेलने पर लगेगा 51 सौ रुपये जुर्माना

    By Edited By:
    Updated: Thu, 21 Jan 2016 01:00 AM (IST)

    संवाद सूत्र, हाथरस : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गांवों की सरकार युवाओं के हाथों में आने से बदलाव की ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, हाथरस : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गांवों की सरकार युवाओं के हाथों में आने से बदलाव की लहर चल पड़ी है। इसमें महिलाओं की भूमिका सराहनीय है। महिला ग्राम प्रधान अपने गांव को आदर्श गांव बनाने की दिशा में पहल करनी शुरू कर दी है। सहपऊ के गांव खोंडा की प्रधान बबिता चौधरी ने युवाओं को बुरी संगत से बचाने पर जोर देते हुए खुली बैठक में गांव में जुआ और सट्टा पर रोक लगाने की बात कही। इसपर फैसला हुआ कि जुआ और संट्टा खेलते पाए जाने पर 51 सौ रुपये का जुर्माना देना होगा। पुलिस की कार्रवाई अलग से झेलनी होगी। उन्होंने इस निर्णय की पूरे गांव में मुनादी करा दी है।

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    इस बार गांवों की सरकार में घूंघट से बाहर की नई पीढ़ी की महिलाएं बड़ी संख्या में चुनी गई हैं, जो न सिर्फ शिक्षित हैं बल्कि गांव के विकास की दिशा में कुछ अनूठा करने का जज्बा भी रखती हैं। इसके लिए क्या करना चाहिए वे अच्छी तरह से जानती हैं। खुली पंचायत में वे कई महत्व पूर्ण फैसले भी ले रही हैं।

    सहपऊ विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत खोंडा से बबिता चौधरी इस बार प्रधान चुनी गई हैं। बबिता चौधरी ने आदर्श ग्राम पंचायत का सपना संजोया है। गांव के विकास की जिम्मेदारी बखूबी संभालने के साथ ही वे गांव के लोगों में फैली बुराइयों को भी मिटाना चाहती हैं। प्रधान ने गांव में व्यापक स्तर जुए व सट्टे के कारोबार के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए नवयुवकों को इससे रोकने के लिए गांव के वयोवृद्ध व संभ्रांत लोगों की खुली बैठक बुलाई। फिर पंचायत के माध्यम से इसपर रोक के लिए निर्णय लिया गया। जुआ और सट्टा जैसे गलत कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के लिये लाउडस्पीकर के माध्यम से मुनादी कराई। कहा गया है कि ग्राम पंचायत के अन्तर्गत किसी भी स्थान व कोई व्यक्ति जुआ व सट्टा आदि खेलता पाया गया तो उसके विरुद्ध पंचायत के निर्णय के अनुसार प्रथम बार 5100 रुपये का जुर्माना लिया जाएगा। द्वितीय बार पकड़े जाने पर पुलिस को अवगत कराते हुए उसके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई कराई जाएगी।

    इनका कहना है-

    जुए और संट्टे से गांव के नवयुवकों पर बुरा असर पड़ता है और विकास कार्य में भी अवरोध उत्पन्न होता है। इससे गांव में आपराधिक घटनाएं बढ़ती हैं। इस पर प्रतिबंध लगाना समाज का कर्तव्य बनता है। कड़ाई से इसका पालन भी कराया जाएगा।

    बबिता चौधरी, ग्राम प्रधान।