Youth Icon : हरदोई की मानसी पाठक को आईआईटी खड़गपुर से डॉक्टरेट, ग्रामीण वायु प्रदूषण पर देश का पहला बड़ा शोध का दावा
Youth Icon from Hardoi शोध कार्यकाल के दौरान मानसी के आठ शोध लेख अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। जिनमें पर्यावरण प्रदूषण केमोस्फीयर जर्नल ऑफ हैज़र्डस मैटेरियल्स एडवांसेज तथा एनवायरनमेंटल साइंस प्रोसेसेस एंड इम्पैक्ट्स प्रमुख हैं। मानसी पाठक ने हरदोई का नाम रोशन किया है।

जागरण संवाददाता, हरदोई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से डॉक्टरेट (पीएचटी) की उपाधि प्राप्त कर मानसी पाठक ने हरदोई का नाम रोशन किया है। अचल पाठक एवं रमा पाठक की पुत्री मानसी के शोध का विषय ग्रामीण भारत में वायुमंडलीय प्रदूषण : स्रोत, कारक, रुझान और निहितार्थ था।
मानसी पाठक का दावा है कि भारत में ग्रामीण वायु प्रदूषण पर किया गया यह पहला वैज्ञानिक और व्यापक अध्ययन है। उन्होंने यह शोध आईआईटी खड़गपुर के कोरल केंद्र में प्रो. जयनारायणन कुट्टिप्पुरथ के निर्देशन में पूर्ण किया।
शोध कार्यकाल के दौरान मानसी के आठ शोध लेख अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। जिनमें पर्यावरण प्रदूषण, केमोस्फीयर, जर्नल ऑफ हैज़र्डस मैटेरियल्स एडवांसेज, तथा एनवायरनमेंटल साइंस: प्रोसेसेस एंड इम्पैक्ट्स प्रमुख हैं। डॉक्टरेट समिति में प्रो. किंसुक नस्कर (अध्यक्ष), प्रो. रेंजी रेमेसन, प्रो. अभिषेक राय, और प्रो. प्रणब देब शामिल थे।
मानसी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरदोई के सेंट जेवियर स्कूल से प्राप्त की, इसके बाद सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किया और फिर आईआईटी खड़गपुर में पीएचडी के लिए चयनित हुईं। उनके दादा रमेश चंद्र पाठक, हरदोई के उद्यमी हैं।
आईआईटी खड़गपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में मानसी पाठक को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि हरदोई और देश की बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
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