हरदोई में मौसम बदलने से तेजी से बढ़ रहा वायरल बुखार, मरीजों की संख्या हुई 500 के पार
हरदोई जिले में मौसम बदलने से वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है, जिससे मरीजों की संख्या 500 के पार हो गई है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने, स्वच्छता बनाए रखने और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है। बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दी गई है।

मौसम बदलने से बढ़ा वायरल बुखार।
जागरण संवाददाता,हरदोई। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के बीच अब घर-घर में बुखार, सर्दी और जुकाम के मरीज बढ़ने लगे हैं। सामान्य वायरल बुखार के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया का भी खतरा बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिसिन विभाग की ओपडी में 500 के पार मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक दवाओं के साथ सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं।
दीपावली के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी में मरीज बढ़े हैं। मेडिसन विभाग में रोजाना औसतन 500 मरीज आ रहे हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. विकास विद्यार्थी का कहना है कि बदलते मौसम में सीजनल सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण आम बात है।
वहीं, जलजमाव से डेंगू के फैलने की आशंका भी बनी हुई है। हालांकि हर बुखार डेंगू नहीं होता, इसलिए लोग अफवाहों से बचें और लक्षण दिखते ही अस्पताल में जांच कराएं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में डेंगू जांच के लिए एलिसा मशीन उपलब्ध है। अब तक 50 के करीब डेंगू मरीज मिल चुके हैं।
कुछ मरीजों में टाइफाइड पॉजिटिव होने के साथ प्लेटलेट्स भी कम पाए गए हैं, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड, वायरल बुखार और इनफ्लुएंजा जैसी बीमारियों के मामले बढ़े हैं। ऐसे में मरीजों को दवाओं के साथ-साथ एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।
धुंआ-धुंध से बच्चों की फूल रही सांस
यह मौसम खासकर बच्चों के लिए नुकसान देह है। इन दिनों आसपास में धुंआ और धुंध का गुबार छाया। इसके चलते बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। बाल रोग विभाग में सबसे ज्यादा सांस की बीमारी से ग्रसित बच्चे परामर्श लेने पहुंच रहे हैं।
रात में पंखा चालक सोने से हो रहे बीमार
दिन में धूप और शाम होने ही हल्की सर्दी सेहत खराब कर रही है। रात में सोते समय अधिकांश लोग पंखा चला रहे हैं। पंखा चलाकर सोने से बीमारियों को दावत दे रहे हैं। चिकित्सक की माने तो रात में पंखा चलाकर न सोएं, अगर आदत है तो धीमें चलाएं। मच्छरों से बचाव के तरीके अपनाएं।

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