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    TET की अनिवार्यता के विरोध में दिल्ली में जुटे शिक्षक, हरदोई के टीचर भी हुए शामिल 

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 08:53 PM (IST)

    हरदोई के शिक्षक TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता के विरोध में दिल्ली में एकत्रित हुए। यह विरोध प्रदर्शन TET की अनिवार्यता के खिलाफ है, जिसमें हरदोई के शिक्षकों ने भी भाग लिया और अपनी असहमति जताई।

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    TET की अनिवार्यता के विरोध में दिल्ली में जुटे शिक्षक।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। परिषदीय विद्यालयोंं के शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता करने के निर्णय के विरोध में दिल्ली में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष योगेंश त्यागी के नेतृत्व में जनपद व प्रदेश के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

    अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक व जूनियर शिक्षक संघ प्रदेश योगेश त्यागी ने बताया कि सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर अन्य प्रांत के शिक्षकों के साथ प्रदेश व जनपद के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

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    उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि 2011 के पूर्व नियुक्त सभी शिक्षक तत्समय निर्धारित योग्यता को पूर्ण करते हुए सेवा में आए थे,आज ऐसे शिक्षकों को सेवा करते 25 से 30 साल हो गए हैं। इतने वर्षों के बाद परीक्षा से गुजर पाना इन शिक्षकों के लिए संभव नहीं है।

    उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय देते हुए मानवीय संवेदनाओं का भी ध्यान नहीं रखा और यह भी नहीं विचार किया गया कि इस निर्णय से देश के 28 लाख परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे।

    टीईटी करने के लिए निर्धारित योग्यता स्नातक, आयु 40 वर्ष और स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है, जबकि जो शिक्षक प्रभावित हो रहे है, वह सभी आयु सीमा पार कर चुके हैं।

    वर्ष 2001 तक ज्यादातर शिक्षक इंटरमीडिएट पास हैं। जब शिक्षक आवेदन ही नहीं कर पाएंगे, तो फिर टीईटी परीक्षा किस प्रकार पास करेंगे। जबकि दूसरी तरफ एनसीटीई ने अपने आदेश में 23 अगस्त 2010 तक के नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त किया है।

    उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन कर टीईटी से मुक्त रखा जाए। धरने में जनपद के शिक्षक भारी संख्या में शामिल हुए।