Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बढ़े हाथ तो बदलने लगी विद्यालयों की सूरत, जिलाधिकारी की पहल पर 67 अधिकारियों ने गोद लिए विद्यालय

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    जिलाधिकारी की पहल पर 67 अधिकारियों ने विद्यालय गोद लिए, जिससे विद्यालयों की सूरत बदलने लगी है। अधिकारियों ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की जिम्मेदारी संभाली है। विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का विकास हो रहा है, जिससे छात्रों के लिए बेहतर कक्षाएँ और खेल के मैदान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

    Hero Image

    पंकज मिश्र, हरदोई। बहदाली पर आंसू बहाने वाले विद्यालय अब मुस्कुरा रहे हैं। जिन भवनों की दीवारें जर्जर थीं, छतों से बारिश का पानी टपकता था। शिक्षक और बच्चे परेशान रहते थे। पर अब ऐसा नहीं होगा। जिलाधिकारी अनुनय झा की पहल बदलाव की मिसाल बनी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिलाधिकारी ने विद्यालय गोद लिया तो 67 अधिकारी आगे आए। सभी के हाथ बढ़े तो विद्यालयों की सूरत बदलने लगी है। इंजीनियरों ने जो काम बताए थे, वह कराए जा रहे हैं। डीएम की गोद वाले विद्यालय के जर्जर चार कक्षों को नीलामी के बाद सोमवार को ध्वस्त कराकर वहां पर नए कमरे बनेंगे। तो जो विद्यालय अन्य अधिकारियों की गोद में हैं, वहां पर भी काम चल रहा है। अधिकांश विद्यालयों में तो 25 फीसद काम पूरा भी हो गया है।

    राजस्थान के झालावाड़ में 25 जुलाई को विद्यालय का जर्जर भवन गिरने से सात बच्चों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद दैनिक जागरण ने 30 जुलाई से राष्ट्रव्यापी अभियान कितने सुरक्षित हैं स्कूल चलाया था।

    अभियान के बाद चार अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जर्जर भवनों को ध्वस्त कर सुरक्षित माहौल में बच्चों को पढ़ाने का फरमान जारी किया था।

    मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को आदेश दिया था, कि वह अपने स्तर से काम कराने के साथ ही उद्यमियों से सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी) फंड का भी उपयोग कराएं। मुख्यमंत्री की इस मंशा पर हरदोई में सबसे पहले काम हुआ।

    जिलाधिकारी अनुनय झा की अपील पर विद्यालयों को गोद लेकर सीएसआर फंड से उन्हें आदर्श बनाने के लिए चारों चीनी मिल आगे आए।

    जिलाधिकारी ने स्वयं टड़ियावां विकास खंड का प्राथमिक विद्यालय कंथाथोक गोद लेकर उसके कायाकल्प की शुरुआत की, तो यह पहल जिलेभर में एक आंदोलन बन गई। उनके आह्वान पर सीडीओ सान्या छाबड़ा, अपर जिलाधिकारी प्रियंका सिंह, प्रफुल्ल त्रिपाठी, समेत अन्य 67 अन्य अधिकारियों ने भी विद्यालयों को गोद लिया।

    विद्यालयों को गोद लेने वाले अधिकारियों की जिलाधिकारी ने बैठक बुलाकर अभियंताओं की मौजूदगी में वहां पर होने वाले काम पर चर्चा की, जिन विद्यालयों की छत खराब थी, वहां छत बनवाई जा रही है, तो कहीं की दीवार और फर्श। बेंच का इंतजाम हो रहा है। जिलाधिकारी की गोद वाले प्राथमिक विद्यालय कंथाथोक के चार कक्ष पूरी तरह से ध्वस्त कराए जा रहे हैं।

    भवन ऐसा हो, जोकि दूसरों को प्रेरणा दे, इस पर काम हो रहा है। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कक्षों की नीलामी हो गई है। सोमवार से ध्वस्तीकरण शुरू हो जाएगा। बच्चों को अन्य कक्षों में पढ़ाया जा रहा है। विद्यालय को माडल बनाने के लिए अभियंता ने खाका तैयार किया है, यह विद्यालय भवन प्रदेश में सभी से अलग होगा। वहीं अन्य अधिकारियों की गोद वाले सभी विद्यालयों में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

    विद्यालय हमारे भविष्य की नींव हैं। इन्हें मजबूत करना सिर्फ सरकार का नहीं, समाज का भी कर्तव्य है। बेहतर शिक्षा और संसाधन के लिए सरकार तो अपना काम कर ही रही है। हर अधिकारी, हर नागरिक अगर एक विद्यालय की जिम्मेदारी ले ले, तो शिक्षा का चेहरा पूरी तरह बदल सकता है। विद्यालयों को गोद लेकर आदर्श भवन बनाने की जो पहल की गई है, वह एक संदेश है। जल्द ही सभी 68 विद्यालय ऐसे बन जाएंगे। अच्छे भवन और संसाधनों के बीच पढ़़ाई करने से बच्चों में शिक्षा के साथ ही आत्म विश्वास भी बढ़ेगा।

    -अनुनय झा, जिलाधिकारी, हरदोई