यूपी के इस जिले में सहकारी समितियों से जुड़ेंगे 40 हजार किसान, खाद की खरीदने में मिलेगी प्राथमिकता
हरदोई में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए किसानों को जोड़ने का अभियान चल रहा है। किसानों को आकर्षित करने के लिए सदस्यता लेने पर खाद में प्राथमिकता दी जाएगी। आजीवन सदस्यता शुल्क 226 रुपये है और सदस्यों को भूमि विवरण वाली किताब मिलेगी। 12 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में निष्क्रिय समितियों को सक्रिय करने पर भी जोर दिया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, हरदोई। सहकारी समितियों को समृद्ध करने के लिए किसानों को जोड़ा जा रहा है, इसके लिए अभियान चल रहा है, लेकिन किसान समितियों से जुड़ने के लिए ज्यादा रुख नहीं कर रहेे हैं, उसी को देखते हुए अब जुड़ने वाले किसानों को प्राथमिकता पर खाद देने का ऑफर देकर उन्हें आकर्षित किया जा रहा है।
जनपद में 198 सहकारी समितियां है। समितियों से किसानों को जोड़ने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। इन समितियों में किसानों को आजीवन सदस्य बनने का मौका दिया रहा है। इस बार 40 हजार किसानों को सहकारी समितियों का सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो किसान समितियों के शेयर धारक होंगे।
उनको प्राथमिकता के आधार पर समितियों पर खाद मिल सकेगी। प्रत्येक सहकारी समिति पर इन किसानों की अलग से लाइन लगेगी। किसानों को एक किताब उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें किसान की भूमि संबंधी ब्योरा दर्ज होगा। उसी के अनुसार खाद दी जाएगी।
समिति से जुड़ने वाले किसानों को आजीवन सदस्य बनने के लिए 226 रुपये जमा करने होंगे, जिसमें 200 रुपये शेयर के होंगे। 26 रुपये किताब के साथ अन्य खर्चे शामिल होंगे।
12 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
सहकारी समितियों से किसानों को जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 12 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। अब तक 700 सदस्य बनाए जा चुके हैं।
एक समिति से जुड़ेगे तीन न्याय पंचायतों के किसान
प्रत्येक सहकारी समितियों से तीन-तीन न्याय पंचायतों के किसानों को जोड़ा जाएगा, जो किसान सहकारी समिति से जुड़ेंगे, उन किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
निष्क्रिय समितियों को सक्रिय करने पर जोर
जनपद की 198 सहकारी समितियों में महज 63 सहकारी समितियां ही सक्रिय है, 135 सहकारी समितियां निष्क्रिय हैं। इन समितियों को सक्रिय करने के लिए सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता कार्यालय की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों को सहकारी समितियों से जोड़ने काे लेकर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, जो भी सदस्य बनेंगे, उन सदस्यों को प्राथमिकता के आधार पर खाद उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्हें एक किताब दी जाएगी, जिसमें उनकी भूमि का ब्योरा दर्ज होगा। उसी किताब के आधार पर किसानों की समितियों पर अलग लाइन लगेगी और उन्हें वरीयता दी जाएगी। निष्क्रिय समितियों को सक्रिय करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। -आशीष मेहता, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता।
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