जीत की खुशी या हार का गम! यूपी के इस जिले में तीन करोड़ की जमानत राशि वापस लेना भूले प्रत्याशी
Hardoi Panchayat Election की तैयारी फिर से शुरू हो गई है। पिछले चुनाव में 35568 प्रत्याशियों ने तीन करोड़ रुपये की जमानत राशि छोड़ दी थी। 2021 के पंचायत चुनाव में कई उम्मीदवारों ने जमानत राशि वापस नहीं ली और न ही खर्च का हिसाब दिया। निर्वाचन आयोग के अनुसार खर्च का हिसाब न देने पर जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।
आशीष त्रिवेदी, हरदोई। पंचायत चुनाव की तैयारियां एक बार फिर से जोर मारने लगी हैं। राजनीतिक दल जहां गांव की चौपालों में दम भरने लगे हैं तो वहीं सरकारी मशीनरी ने भी खाका तैयार कर उसको अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।
इन्हीं तैयारियों के बीच पिछले चुनावों की फाइलें भी ऊपर आने लगी हैं, जिसमें जीत की खुशी व हार के गम में 35568 प्रत्याशियों के द्वारा तीन करोड़ की जमानत राशि भूल जाने की बात सामने आई है।
वर्ष 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शासन-प्रशासन को बैठे-बैठे तीन करोड़ नौ लाख से अधिक की राशि मिल गई। पंचायत चुनाव में जीत की खुशी और हार के गम में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही जिला पंचायत सदस्य के हजारों प्रत्याशियों ने न तो जमानत राशि वापस ली और न ही खर्च का ब्यौरा दिया।
चुनाव खत्म होने के तीन महीने के भीतर जमानत राशि वापस लेने के लिए आवेदन करना था। मगर गिनती के कुछ एक प्रत्याशियों को छोड़ किसी ने भी आवेदन नहीं किया। पिछले पंचायत चुनाव की फाइल देखें तो ग्राम पंचायत सदस्य के 14,790, प्रधान के 11,115, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 8,660 एवं सदस्य जिला पंचायत के 1004 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था।
जमानत राशि के रूप में इन प्रत्याशियों के द्वारा 3,09,50,450 रुपये की राशि जमा की। चुनाव खत्म होने के तीन माह के भीतर ही सभी प्रत्याशियों को खर्च का ब्यौरा देना था। मगर तय अवधि तक छह प्रत्याशी को छोड़कर अन्य प्रत्याशियों ने खर्च का हिसाब नहीं दिया।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार खर्च का हिसाब न देने पर जमानत राशि जब्त कर लेने का प्रावधान है। निर्धारित मत न हासिल कर पाने पर भी तमाम प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त हो गई। 35568 प्रत्याशियों की करीब तीन करोड़ नौ लाख 30 हजार 950 रुपये की राशि जब्त हो गई।
पंचायत चुनाव में यह राशि खर्च कर सकते थे प्रत्याशी\\B
पद और खर्च की अधिकतम सीमा (रुपये)
- जिला पंचायत सदस्य -1,50,000
- क्षेत्र पंचायत सदस्य- 75,000
- ग्राम प्रधान- 75,000
- ग्राम पंचायत सदस्य- 10,000
चुनाव आयोग से तय की गई थी जमानत राशि
- प्रधान पद अनारक्षित- 2,000
- प्रधान आरक्षित पद- 1,000
- बीडीसी अनारक्षित- 2,000
- बीडीसी आरक्षित पद- 1,000
- पंचायत सदस्य अनारक्षित- 500
- पंचायत सदस्य आरक्षित- 250
क्या कह रहे अधिकारी
चुनाव कोई हो, आयोग के द्वारा नियम निर्धारित हैं। चुनाव के बाद निर्धारित समय तक खर्च का ब्यौरा दिया जाता है। न देने पर जमानत की राशि जब्त कर ली जाती है। पिछले चुनाव में भी ऐसा ही हुआ। -प्रफुल्ल त्रिपाठी, एडीएम।
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