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    आधार कार्ड और खतौनी में अलग नाम होने पर नहीं हो रहा भूमि सत्यापन, अधिकारियों के चक्कर लगा रहे किसान

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 05:20 PM (IST)

    हरदोई में आधार कार्ड और खतौनी में नाम अलग होने के कारण किसानों को भूमि सत्यापन में परेशानी हो रही है। किसान इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों के च ...और पढ़ें

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    आधार कार्ड और खतौनी में अलग नाम होने पर नहीं हो रहा भूमि सत्यापन।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की बिक्री करने के लिए किसान परेशान है। 23,787 किसानों ने सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया है, लेकिन सत्यापन में देरी के चलते किसानों को परेशानी हो रही है।

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    आधार कार्ड व खतौनी में नाम में अंतर व भूमि के सत्यापन में 4,822 किसान फंसे हुए हैं। वहीं पीएफएमएस के चलते 333 किसानों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। किसान सत्यापन के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

    जिले में एक अक्टूबर से धान खरीद की शुरुआत हुई है। शासन ने दो लाख 33 हजार मीट्रिक टन धान क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य की पूर्ति के लिए छह क्रय एजेंसियों के 128 क्रय केंद्र खोले गए हैं।

    सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बिक्री करने के लिए 23,787 किसानों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन 10,891 किसानों का धान क्रय नहीं किया जा सका है। जिला प्रशासन का दावा है कि 12,896 किसानों से 91,118.58 मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है।

    वहीं 6,069 पंजीकृत किसानों के अभिलेखों का सत्यापन हो गया है, जबकि 4,822 किसानों की आधार कार्ड और खतौनी में नाम मिसमैच हैं। भूमि का सत्यापन नहीं हो पाया है। किसान सत्यापन कराने के लिए तहसील के चक्कर लगा रहे हैं।

    जिला खाद्य विपणन अधिकारी निहारिका ने बताया कि आधार कार्ड और खतौनी में नाम में अंतर होने और भूमि का सत्यापन न होने पर किसानों को टोकन जारी किए जाएंगे। सभी किसानों का धान क्रय किया जाएगा।

    माधौगंज के केंद्रों पर किसानों को धान बेचने में हो रही दिक्कत

    न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना का लाभ दिलाने के लिए खोले गए सरकारी धान खरीद केंद्रों पर प्रभारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। माधौगंज के केंद्रों पर किसानों को धान बिक्री में समस्या हो रही है। किसान दिलीप यादव ने बताया कि टोकन के होने के बाद भी क्रय केंद्रों पर धान बिक्री करना मुश्किल हो रहा है।

    किसान मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि धान की तौल कराने के लिए किसानों से वारदाना व जनरेटर चलाने का डीजल लिया जा रहा है। इससे समस्या हो रही है।