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    मनरेगा में मृतकों को फावड़ा चलाते दिखाकर ले ली 14 से 78 दिनों की मजदूरी, सालों पहले हो चुकी है मौत

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 05:27 PM (IST)

    मनरेगा योजना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मृतकों को काम करते हुए दिखाकर 14 से 78 दिनों की मजदूरी निकाल ली गई। यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब पता चला कि इन लोगों की मौत सालों पहले हो चुकी थी। इस घटना ने मनरेगा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है और गहन जांच की मांग की जा रही है।

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    मनरेगा में फर्जीवाड़ा कर ले लिया मजदूरी।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। भरखनी की ग्राम पंचायत जमालपुर में पिछले तीन सालों से मनरेगा में मृतकों को काम दिखाकर उनके नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। यही नहीं पूर्व के कामों को फिर से दर्शा कर धनराशि निकाली जा रही है। जिलाधिकारी को शिकायत के बाद प्रकरण में जांच बैठा दी गई है। जांच में कुछ इस तरह के तथ्य उजागर हो रहे हैं। डीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा।

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    गांव के ही सुनील कुमार पुत्र उद्यन यह प्रधान के भाई बताए गए हैं। इनकी मृत्यु 15 साल पहले हो गई है। इन्हें भी श्रमिक दिखाकर 2022-23 में 14 दिन, 2023-24 में 59 दिन एवं 2024-25 में 24 दिन का रोजगार दिए जाने का आरोप लगाया गया। इसी तरह पंकज सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह को 2021-22 में 28 दिन, 2022-23 में 14 दिन रोजगार उपलब्ध कराया गया। इनकी भी मृत्यु 14 साल पहले हो चुकी है।

    इसी क्रम में नीरज कुमार पुत्र महेंद्र की मृत्यु छह वर्ष पहले हो चुकी है। इनके नाम से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 14 दिन, 2024-25 में 78 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा सोनू के मकान से मुख्य मार्ग तक नाली व खड़ंजा कार्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,09,167 रुपये निकाल लिया गया।

    इसके बाद भी नाम बदलकर इस कार्य को पुन: दिखाकर धनराशि निकाल ली गई। इसी क्रम में मुख्य खड़ंजा से बृजेश के मकान तक खड़ंजा, नाली कार्य अभिलेखों में वर्ष 2023-24 में दर्शाकर 50,100 रुपये निकाल लिए गए।

    आरोप हैं कि मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार पक्का कार्य न्यूनतम 10 वर्ष से पहले नहीं कराया जा सकता है, फिर भी ग्राम प्रधान द्वारा 2020-21 में कराए गए कार्य का नाम बदलकर 50,180 रुपये निकाल लिए गए। जमालपुर के श्याम मोहन ने जनसुनवाई के दौरान कुछ इसी तरह की शिकायतें डीएम को कीं। जिसके बाद जिलाधिकारी अनुनय झा ने जांच बैठा दी है।

    30 दिन में जांच आख्या मांगी गई

    डीएम ने जांच के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधिशासी अभियंता शारदा नहर को नामित किया है तथा 30 दिनों के अंदर जांच आख्या मांगी है।

    प्रकरण की जांच के लिए अधिकारियों को नामित कर दिया गया है। 30 दिनों में फोटो सहित आख्या मांग ली गई है। प्रकरण में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -अनुनय झा, डीएम, हरदोई।